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पाली जिले के बोया (बाली) गांव निवासी एक वृद्धा की करीब चार साल पहले हादसे में बरसाती नाले में डूबने से मौत हो गई। मृतका का दुर्घटना बीमा हो रखा था। मौत के बाद उनके पुत्रों ने बीमा कम्पनी में 5 लाख की बीमा राशि के लिए दावा क्या लेकिन कम्पनी ने यह कहते हुए दावा खारिज कर दिया कि मृतका की उम्र हादसे के समय ज्यादा थी तथा उनकी बॉडी पर किसी तरह की चोट के निशान नहीं थे।
मामले में मृतका के पुत्र ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग पाली में दावा पेश किया। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं तर्क व सबूत देखने के बाद उन्होंने पीड़ित पक्ष को दावे का हकदार मांना तथा बीमा कम्पनी को पीड़ित को बीमा की 5 लाख की राशि मय ब्याज सहित देने के आदेश दिए।
30 जुलाई 2017 को पाली जिले के बोया (बाली) निवासी देवीबाई पत्नी रावताराम देवासी की पैर फिसलने से बरसाती नाले में गिर गई थी। हादसे में उनकी मौत हो गई। मृतका बिसलपुर ग्राम सेवा सहकारी समिति की सदस्या थी। किसान कार्ड के जरिए युनाईटेड इंडिया इंश्योरेंस कम्पनी से दुर्घटना बीमा करवाया था। बीमे की किश्त राशि बिसलपुर ग्राम सेवा सहकारी समिति ने मृतका के खाते से कटौती कर जमा करवाई जाती थी।
दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस व तथ्यों को देखने के बाद जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग पाली के अध्यक्ष यतीन्द्र प्रकाश शर्मा व सदस्य मेहनाज सम्मा ने परिवादी के दावे को सही पाया। तथा 24 अगस्त 2021 को निर्णय देते हुए बीमा कम्पनी को परिवादी को ब्याज सहित 6 लाख 16 हजार 660 रुपए के आदेश जारी किए।