बांसवाड़ा : चार दिन पहले संक्रमित हुई शहर के चेतक काम्प्लेक्स निवासी महिला 65 वर्षीय वनिता भावसार को शाम को सीने में दर्द उठा और तीन घंटे के बाद उसकी मौत हो गई। उनका मेडिकल प्रोटोकाल के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया। काेराेना वायरस ने महिला के परिजनाें काे माैत से बड़ा दर्द दिया है। न मुखाग्नि और न काेई अंतिम क्रिया। सीधे अस्पताल से प्लास्टिक किट की पैकिंग में महिला के शव काे कागदी श्मशान घाट लाया गया। चिता भी परिजनाें काे करीब 100 फीट दूर से देखने की अनुमति मिली। महिला का छाेटा बेटा कुवैत में है, वह आ नहीं सका। ऐसे में बड़ा बेटा अंतिम दर्शन के नाम पर वीडियाे काॅल से उसे आगे की लपटें ही दिखा पाया। काेराेना से माैत हाेने पर अंतिम संस्कार प्रशासन अपनी देखरेख में कराता है।
बच्चाें के लिए यह दाेहरे दर्द से कम नहीं था। पिता पहले से साथ छाेड़ चुके थे। मां काे काेराेना ने छीन लिया और वे उनके अंतिम संस्कार की रस्में भी नहीं निभा पाए।
चेतक काम्प्लेक्स निवासी महिला 17 मई को अपनी रिश्तेदार के साथ मुम्बई से रतलाम के लिए आई थी। महिला को रतलाम से लाने के लिए परिजनों ने ड्राइवर को रतलाम भेजा। 18 मई को सुबह 4 बजे दोनों महिलाएं बांसवाड़ा पहुंची। सुबह 9 बजे दोनों एमजी अस्पताल में जांच के लिए पहुंची, लेकिन डॉक्टर ने हालात सामान्य देखते हुए होम आइसोलेट कर दिया। 3 दिन बाद महिला को सर्दी जुकाम की शिकायत हुई तो 21 मई को डॉक्टर ने सैंपल जांच के लिए भेजे। 23 मई को रिपोर्ट आई तो महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई। जिसके बाद से वो एमजी अस्पताल में भर्ती थी।
लेकिन 4 दिन भर्ती रहने के बाद बुधवार शाम 4 बजे तबीयत खराब हुई। 6.45 बजे बाथरूम जाते समय महिला गश खाकर गिर गई। हालांकि वह खुद उठकर बेड तक आई। स्टाफ ने तुरंत डॉक्टर को सूचना देकर बुलाया। उसे सीने दर्द, पसीना आने पर घबराहट की परेशानी थी। डाॅक्टराें ने जांच के बाद 7.30 बजे महिला काे मृत घाेषित कर दिया। मृतका वनिता के दो बेटे और 2 बेटियां है। जिनमें 2 बेटी और एक बेटे की शादी हो चुकी है। एक बेटा कुवैत में है। वह बड़े बेटे के साथ चेतक काम्प्लेक्स में रहती थी। श्मशान में महिला के सिर्फ पांच परिजन थे। इसमें उसका बेटा बेटा, दाे भाई और दाे भांजे थे। इससे पहले अस्पताल में परिजनाें काे शीशे की आड़ में दूर से दर्शन कराए गए।