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गुरुवार, 28 मई 2020

हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा; पीएम 2.5 का स्तर 123, पीएम 10 पहुंचा 217 पर, दोनों मानक सेहत के लिए खराब

हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा; पीएम 2.5 का स्तर 123, पीएम 10 पहुंचा 217 पर, दोनों मानक सेहत के लिए खराब
पाली : लॉकडाउन से कर्फ्यू तक वाहनों की आवाजाही कम रहने और फैक्ट्रियां बंद रहने के चलते पाली के वायु प्रदूषण के स्तर में कमी जरूर अाई, लेकिन लॉकडाउन खुलते ही हवा फिर से दूषित होना शुरू हो गई है। कुछ दिन पहले भी राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने लॉकडाउन अवधि के दौरान प्रदूषण के पैमाने को लेकर एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें भी पाली अन्य जिलों की तुलना में सबसे कम प्रदूषित शहरों में शामिल था। यहां तक कि पीएम 2.5 और पीएम 10 के साथ एनओ2 का मानक भी गिर गया था। लेकिन कर्फ्यू खुलते सबसे घातक पीएम 2.5 का मानक धीरे-धीरे बढ़ गया है।
शहर में अभी कंस्ट्रक्शन वर्क चालू नहीं होने के बावजूद भी पीएम 10 का मानक 217 तक पहुंच गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स की गाइडलाइन के अनुसार पीएम 2.5 में 60 माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर की हवा शुद्ध मानी गई है। वहीं पीएम 10 में 50 माइक्रो ग्राम प्रतिघन मीटर की हवा शुद्ध बताई है। इसके हिसाब से शहर की हवा अभी भी लोगों के सेहत के लिए अच्छी नहीं है, इसलिए जरूरी है कि घर से बाहर निकलते ही कोरोना बचाव के लिए ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी मास्क लगाना जरूरी है।
जानिए, शहर में कैसा है पीएम 2.5 व पीएम 10

हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा; पीएम 2.5 का स्तर 123, पीएम 10 पहुंचा 217 पर, दोनों मानक सेहत के लिए खराब
लॉकडाउन में क्या हुआ बदलाव
  • पाली, अजमेर, अलवर और कोटा की वायु गुणवत्ता में हुआ सुधार
  • भिवाड़ी, जयपुर (पुलिस कमिश्नरेट), जयपुर (साइंस पार्क), जोधपुर और उदयपुर में पीएम 10 और पीएम 2.5 का स्तर बढ़ा हुआ मिला
  • पाली समेत भिवाड़ी और जयपुर (पुलिस कमिश्नरेट) को छोड़कर सभी स्टेशनों पर लॉकडाउन में एनओ-2 का स्तर बढ़ा
अब क्या स्थिति
  • पाली शहर में मध्यम गति से फैक्ट्रियां चालू और मुख्य सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बढ़ने से फिर से प्रदूषण का आंकड़ा बढ़ रहा।
  • 22 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के दिन पीएम 2.5 का मानक 121 था, जो अब बढ़कर 123 तक दर्ज किया गया।
  • पीएम 10 के मानक में 22 मार्च को पीएम 10 का मानक 172 था, जो अब 217 तक पहुंच गया है।

हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा; पीएम 2.5 का स्तर 123, पीएम 10 पहुंचा 217 पर, दोनों मानक सेहत के लिए खराब
स्थिति इसलिए चिंताजनक
पीएम 2.5 सबसे खतरनाक होता है। सांस लेते वक्त धूल के कण हमारे फेफड़ों में जम जाते हैं और इसी वजह से अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी के शिकार होते हैं। पीएम 2.5 का स्तर सामान्य 60 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर होना चाहिए, जो कर्फ्यू के बाद शनिवार 172 माइक्राे ग्राम प्रति घनमीटर दर्ज किया गया और पीएम 10 का स्तर सामान्य 100 माइक्रो ग्राम होना चाहिए, जो 217 पर पहुंच गया। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि शहर की हवा किस कदर प्रदूषित हो रही है।

हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा; पीएम 2.5 का स्तर 123, पीएम 10 पहुंचा 217 पर, दोनों मानक सेहत के लिए खराब
पिछले 5 दिन शहर की हवा की स्थिति

हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा; पीएम 2.5 का स्तर 123, पीएम 10 पहुंचा 217 पर, दोनों मानक सेहत के लिए खराब
(नोट-आंकड़े ऑनलाइन नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार)