पाली : नाणा थाना क्षेत्र के आदिवासी बहुल गांव में मासूम बच्ची काे गांव के ही तीन बाल अपचारियाें ने ज्यादती का शिकार बना लिया। घर पहुंचने पर हालत बिगड़ी ताे परिजनाें काे मामला समझ में आया। घटना 21 मई की है। 9 दिन तक समाज के पंच-पटेल मामले काे लेकर दाेनाेें पक्षाें में रजामंदी का प्रयास करते रहे। हल नहीं निकलने पर शनिवार काे पीड़िता के पिता ने नाणा थाने में मामला दर्ज कराया।
पुलिस ने तीनाें बाल अपचारियाें काे निगरानी में रखा है। साथ ही पीड़िता का पाली में लाकर मेडिकल कराया गया। भीमाना पुलिस चौकी प्रभारी पुखराज जणवा चौधरी ने बताया की भीमाना में 3 वर्षीय बच्ची को इसी गांव के तीन बाल अपचारी बहला फुसला कर अपने साथ एकांत में ले गए।
आराेप है कि वहां ले जाकर इन तीनाें ने उसके साथ ज्यादती की। बाली एएसपी ब्रजेश कुमार सोनी ने बताया कि जांच पाली महिला अपराध अनुसंधान सेल के डीएसपी सरदारदान काे साैंपी है। आरोपी तीनों बाल अपचारियों की उम्र 9,12,15 बताई जा रही है।
आदिवासी पंच-पटेल तय करते हैं अपराध
आदिवासी गांवाें में कई मामलाें काे पीड़ित पुलिस तक पहुंचाने के बजाय पंचाें के सामने रखते हैं। माैताणा प्रथा ताे यहां जगजाहिर है। ज्यादती के मामलाें में भी पंच-पटेल दखल करने लगे हैं। ये घटना भी 21 मई की थी, मगर मामला 9 दिन बाद दर्ज हुआ।