सुजानगढ़ : ‘मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरा काेई नुकसान करेगा।’ ये शब्द राजगढ़ थानाधिकारी विष्णुदत्त विश्नोई के हैं। सुजानगढ़ के एक ज्योतिषाचार्य से 22 मई की रात 11:03 बजे फोन पर हुई बातचीत में इस नुकसान का जिक्र किया था। इसी रात की सुबह विश्नोई के जीवन की आखिरी रही, जिसका सूरज उनके लिए हमेशा के लिए अस्त हो गया और उन्होंने अपने क्वार्टर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अब सवाल यह है कि उन्हें किससे खतरा था और उनका कौन नुकसान करना चाहता था।
विश्नोई सुजानगढ़ के इस अंक ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र नामदेव से लगातार बातचीत कर रहे थे। इसमें साफ लग रहा भास्कर के पास ज्योतिषाचार्य व विश्नोई के बीच हुई बातचीत के ऑडियो व वाॅट्सएप स्क्रीनशॉट हैं। इनसे पता चलता है कि विश्नोई 20 मई से ज्यादा प्रेशर में थे। उन्होंने अपने ग्रह -नक्षत्र दिखाने के लिए ज्योतिषाचार्य को अपने हस्त रेखा की तस्वीरें तक भेजी थी। ज्योतिषाचार्य ने कहा था कि चिंता करने की कोई बात नहीं है। सिर्फ 22 मई तक चंद्रमा खराब है। इसलिए बेवजह दिमाग पर जोर नहीं देना चाहिए। किसी अज्ञात भय से डरे विष्णु को इसी ऊहापोह के बीच अपनी बेटी के भविष्य की चिंता भी थी। बातचीत में उन्होंने अपनी बेटी की कुंडली भी भेजी है। इसमें वे कह रहे हैं कि उन्हें बेटी को डॉक्टर बनाना है। नामदेव ने बेटी को पुखराज पहनाने का सुझाव दिया था।
20 मई 2020 :
ज्योतिषी बोले-घबराहट का समय है, सीधे हाथ की फोटो भेज देना
एसएचओ विश्नोई : सुबह 9.02 बजे : गुड मॉर्निंग सुरेंद्र, कैसे हो आप। कुछ पूछना है।
ज्योतिषचार्य सुरेंद्र नामदेव : प्रणाम सर, मैं 15 मिनट बाद काॅल करता हूं।
विश्नोई : ओके।
ज्योतिषचार्य : प्रणाम सर, काॅल करूं।
विश्नोई : जी।
फिर सुरेंद्र ने विश्नोई से फोन पर कहा-घबराहट का टाइम है। 22 मई तक चलेगा। पहले भी बता चुका हूं। फिर बेटी की कुंडली को लेकर बात की। ज्यातिषाचार्य बोले-आपका गोत्र क्या है, सीधे हाथ की फोटो भेजना। एक से 100 के बीच मन में जो नंबर आये वो लिख दो। थोड़े समय के बाद नामदेव ने कुंडली के अनुसार गणना कर लिखा कि 22 को ठीक होगा सब।
20 मई : ज्योतिषी ने फोन पर कहा-परसों तक सही हो जाएगा, कोई दिक्कत नहीं है
ज्योतिषचार्य : सर प्रणाम: मैं ऐसे कह रहा था कि आपका मन खराब है ना, जो 19 मई सुबह 7 बजे से हो रखा है, ये 22 तक चलेगा। आपके 12वां चंद्रमा है। बिना बात के सिर में प्रेशर रहता है। पता नहीं क्या अनिष्ट हो जाएगा। प्रेशर रहना। गुमसुम रहना। मन भारी रहना। कुछ होता नहीं, फिर भी ऐसा डर रहता है। आपकी वृषभ राशि है। पहले तो कुछ होगा नहीं, मन चंद्रमा से प्रेरित होता है। आपका 23 मई को शानदार चंद्रमा आ जाएगा। आप खुद देखना। नोट करना है। कल से डिस्टर्ब हो। परसों तक सही हो जाएगा। चलता रहता है, चंद्रमा महीने में तीन बार ऐसा होता है। कोई दिक्कत नहीं है। आपका आगे समय ग्रेट है। आपने 25 नंबर जो बताए हैं, चंद्रमा और बुध के होते हैं। दोनों को मिलाते हैं सात नंबर होते हैं, यानी बहुत बड़ा साथ मिलना या बड़ा कार्य होना है। बिना देखे ही बताया है। सरप्राइज दूंगा पक्का। बाकी कोई भी वाइब्रेशन ऐसा कुछ नहीं है, बस मन का थोड़ा सा ऐसा हो रहा है।
विश्नोई : ज्योतिषाचार्य की पूरी बात ध्यान से सुनते रहे। हां, हां, ठीक ही बोलते हैं।
22 मई सुबह 7:07 बजे वाट्सएप पर : विश्नोई का जवाब-अभी तक समय ठीक नहीं हुआ
विश्नोई : गुड मॉर्निंग, अब कुछ ठीक होगा क्या?
ज्योतिषचार्य : प्रणाम सर, 100 प्रतिशत ठीक हो जाएगा।
विश्नोई : ओके।
ज्योतिषचार्य : 7:35 बजे बाद में, मैंने पूजा भी की है।
विश्नोई : मॉर्निंग या इवनिंग?
ज्योतिषचार्य : अभी और (पूजा) करूंगा, मॉर्निंग (समय ठीक होने की बात) से है।
विश्नोई : थैंक्स।
ज्योतिषचार्य : थैंक्स मत बोलो, आप भाई हो और आइडियल भी।
विश्नोई : जी।
ज्योतिषचार्य : अभी मंदिर से शिवलिंग की फोटाे भेजता हूं, आप उनके दर्शन कर लेना।
विश्नोई : ओके।
ज्योतिषचार्य : मंदिर में शिवलिंग से फोटो-वीडियो भेजे।
विश्नोई : रात 10:59 बजे फिर चैट में लिखा कैसे हो आप?
ज्योतिषाचार्य : प्रणाम सर, मैं ठीक हूं, आज जयपुर आया हूं। आप कैसे हो। कुछ अच्छा हुआ मन में?
विश्नोई : टाइम ठीक नहीं हुआ।
ज्योतिषचार्य : कॉल करूं?
विश्नोई : जी।
नोट : फिर 11:03 मिनट पर सुरेंद्र ने विश्नोई को फोन किया। करीब डेढ़ मिनट बात हुई।
22 मई को रात 11:03 मिनट पर एसएचओ बोले-हां, काेई नुकसान करेगा
ज्योतिषाचार्य : हैलाे सर, प्रणाम।
विश्नोई : कैसे हो?
ज्योतिषाचार्य : सर जयपुर आया हूं। मैं ऐसे बाेल रहा हूं, मन में अशांति चंद्रमा से होती है। बे बात का प्रेशर रहता है। आपका चंद्रमा सुबह 7.35 पर क्लियर हो गया। पहले तो वास्तव में खराब था। जब 8वां-12वां चंद्रमा होता है तो, मन में होता। है... कुछ खो देंगे, डर लगता है किसी बात का, मान सम्मान का। वो तो सारा क्लियर हो गया। हाथ भी मैंने देख लिया। कुछ खास बात नहीं है। माइनस पाइंट कुछ नहीं है।
विश्नोई : पता नहीं, फिर भी लग रहा है ऐसा।
ज्योतिषचार्य : आपके मन में घबराहट रही है, जैसे कोई कुछ बोल देगा? इस टाइप से कुछ हो रहा है क्या?
विश्नोई : हां काेई नुकसान करेगा...
ज्योतिषचार्य : नहीं-नहीं। बिल्कुल नहीं। आपके मन में हो रहा बस। आपके रूद्राक्ष है, कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। हो सकता है ये मन का कारक हो गया। अब तो चंद्रमा भी क्लियर हो गया। पहले दो दिन काफी डिप्रेशन में थे। रात होती है जब डिप्रेशन-वाइब्रेशन होता है, लेकिन आप चिंता मत करो , सारा महादेव पर छोड़ दो। 1% भी नुकसान नहीं होगा। मैंने बोला दुश्मन भी आपकी तारीफ करेंगे पीछे से। .... सामने वाले भय खाएगा आपसे। भगवान ने चाहा तो बहुत बड़ी गुड न्यूज दूंगा बहुत जल्द आपके लिए। मैं लग रहा हूं, चिंता मत करो।
विश्नोई : ज्योतिषाचार्य से बात करते-करते हां-हां, थैंक्स आदि ही बोल रहे हैं।
(इस पूरी बातचीत के दौरान विश्नोई खुलकर कुछ नहीं कह रहे। सुनने से लगता है कि दिमाग किसी प्रेशर से डाइवर्ट है। लेकिन ग्रहों के अनुकूल होने या ज्योतिष की मदद से कोई राहत तलाशना चाह रहे हैं।)
भविष्यवाणी संयोग या सच? जांच में सामने आएगा
अंक ज्योतिषाचार्य नामदेव का दावा है कि फरवरी में वे राजगढ़ थाने भी गए थे। इस दौरान उन्होंने सॉफ्टवेयर की मदद से उनकी कुंडली निकाली थी। इसमें 12 मई से 2 जून 2020 के उनके राशिफल में लिखा था- परिवार के किसी सदस्य की खराब सेहत आपके चिंता का विषय बन सकती है। मित्रों व सहयोगियों से बातचीत करते समय सतर्क रहे। निर्णय व विभेदन की शक्ति कभी- कभी कमजोर हो सकती है। आग या किसी महिला के कारण आपको समस्या हो सकती है। इस भविष्यवाणी में कितना व किस रूप में दम है, इसका खुलासा जांच में ही होगा।