अजमेर : काेराेना पॉजिटिव मृतकों के शवों के अंतिम संस्कार के बाद पीपीई किट खाेलने की लापरवाही का मामला एक बार फिर सामने आया है। गत दिनों पीपीई किट खाेलकर सड़क किनारे पटके जाने का खुलासा हाेने के बाद चिकित्सा विभाग ने सभी काे प्रशिक्षण दिया था। इसके बावजूद लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही है। साेमवार काे जिन दाे काेराेना पाॅजिटिव शवों का अंतिम संस्कार किया गया उसके बाद वही लापरवाही एक बार फिर सामने आई। ऋषि घाटी मुक्तिधाम के बाहर साेमवार काे शवों का अंतिम संस्कार करके लाैटे कार्मिक वहीं बैठकर पीपीई किट खाेलते दिखे।
ऐसे ताे फैलेगा संक्रमण
ऋषि घाटी स्थित मुक्तिधाम के बाहर साेमवार काे जिस तरह से कार्मिक पीपीई किट काे खाेल रहे थे उसे देखकर माैके पर माैजूद जेएलएन के मेडिकल स्टाफ ने भी कहा कि इस तरह ताे वायरस फैलने की संभावना है। जबकि किट काे सुरक्षित जगह पर ही खाेलने का ने का प्रशिक्षण दिया गया है। किट खाेलने के बाद शरीर काे सेनिटाइज करने के साथ ही हाथों हाथ गर्म पानी से नहाने व पहने कपड़े गर्म पानी से धाेने के भी निर्देश हैं। उस दिन सभी लाेगाें काे गर्म पानी भी पीने के लिए कहा गया है।
ये है पीपीई किट खोलने के नियम
पीपीई किट खाेले जाने काे लेकर आईसीएमआर ने गाइड लाइन जारी की है।
पीपीई किट में गाउन कवर, ग्लास, गाेग्लस, हुड, कैप व शूज कवर शामिल है।
पीपीई किट काे डार्फिंग यानी खाेलने और डार्निंग यानी पहनने के लिए नियम बनाए गए हैं।
किट काे खाेलने से पहले एक स्प्रिट की बाेतल रखी जाती है। सबसे पहले कैप व गोगल्स हटाए जाते हैं। इसके बाद पैरों के शूज कवर, शरीर पर पहने हुए गाउन कवर काे उलटा करके खाेलते हैं ताकि अंदर का हिस्सा बाहर आ जाए। अंदर का कवर साफ हाेने से उसमें वायरस नहीं हाेते। कवर उलटा हाेते ही बाहर का हिस्सा अंदर चला जाएगा। उलटा कवर खाेलते हुए उसे सीधा फाेल्ड करके पीले रंग की थैली में डालेंगे। हाथ में पहने दाेनाें दस्तानों काे भी उलटा ही एक-एक करके उतारेंगे।
सबसे बड़ा नियम किट के हर हिस्से काे खाेले जाने के साथ ही स्प्रिट से हाथ धाेएंगे। इसके लिए एक अन्य साथी काे साथ रखेंगे। पीली थैली काे पैक करने के बाद उसे बायाे मेडिकल वेस्ट के निस्तारण वाली थैली के साथ ही नष्ट करेंगे।