जयपुर : लॉकडाउन में घूमने-फिरने की बातें ही बेमानी हैं। लेकिन चीजों को पटरी पर लाने और लोगों को अपने हाल पर छोड़ने के लिए जिस तरह एक के बाद एक चीजें खुलती जा रही है, उसी तरह ढाई महीने बाद किले-महलों के दरवाजे भी खुल सकते हैं। पुरातत्व विभाग तैयार है। विभाग ने आमेर सहित दूसरे सभी स्मारकों को खोलने का प्रस्ताव भेजा है।
आला अधिकारी मसलन प्रमुख सचिव आदि भी इस नजरिए पर सहमत हैं। अब केवल 30-31 मई को सीएम की समीक्षा बैठकों में निर्णय होना है। दूसरी ओर, किले-महल खुलते भी हैं तो लोगों को आकर्षित करने का चैलेंज रहेगा ही। ऐसे में तय किया गया है कि इंसानी खुशबू के लिए तरस रहे स्मारकों पर ‘फुटफॉल’ के लिए कुछ दिन मुफ्त प्रवेश दिया जा सकता है। इसके बाद बेसिक मिनिमम टिकिट दर होगी। कोरोना काल में सामाजिक दूरी, मास्क जैसी बेसिक बातों का ध्यान तो रखना ही है। पुरातत्व के निदेशक प्रकाश शर्मा का कहना है कि सभी स्मारक खोलना चाहते हैं। सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेज दिया है।
राजस्थान पर्यटन पर निर्भर प्रदेश माना जाता है। वहीं दूसरे समकक्ष प्रदेशों से भी हाल पता किए जा रहे हैं। इससे पहले बंद की स्थिति में विभाग ने म्यूजियम, महलों के विडियो बनाकर साइट पर डाले थे, लेकिन लोगों को आकर्षित नहीं कर पाए। क्योंकि यह अनुभव तो मौके पर जाकर ही महसूस किया जा सकता है।
अब स्थितियां जितनी नॉर्मल हों, बेहतर हैं। सावधानियों के साथ चीजों को पटरी पर लाना ही है। हम स्मारकों को खोलने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ दिन में निर्णय होगा। पहले कुछ घंटे, शिफ्टों में खोलेंगे। बायोलॉजिकल पार्क आदि भी इस सूची में है। -श्रेया गुहा, प्रमुख सचिव, कला-संस्कृति-टूरिज्म और वन