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मंगलवार, 26 मई 2020

त्याग-तपस्या और राष्ट्रभक्ति का उदाहरण थे महाराणा प्रताप

त्याग-तपस्या और राष्ट्रभक्ति का उदाहरण थे महाराणा प्रताप
अजमेर : महारणा प्रताप शौर्य, त्याग, तपस्या, बलिदान व राष्ट्रभक्ति का जीता जागता उदाहरण हैं। वीर शिरोमणि प्रताप ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने महलों का सहर्ष त्याग कर दिया। उन्हाेंने वन- वन में भटकना स्वीकार किया लेकिन मुगलों की दासता स्वीकार नहीं की। ये बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चित्तौड़ प्रांत बौद्धिक शिक्षण प्रमुख सत्यनारायण कुमावत ने महाराणा प्रताप जयंती पर आयाेजित ऑनलाइन व्याख्यानमाला ‘पुण्यभूमि’ को संबोधित करते हुए कही।
संस्कृत भारती चित्ताैड़ प्रांत की ओर से आयाेजित व्याख्यानमाला में कुमावत ने कहा कि महाराणा प्रताप के कालखंड में मेवाड़ ने ही अपनी स्वतंत्रता की ज्योति को निरंतर प्रज्ज्वलित कर रखी थी। देश के कई राजा- महाराजाओं ने अकबर की आधीनता स्वीकार की, लेकिन मेवाड़ रत्न प्रताप एक चट्टान बनकर मेवाड़ की रक्षा में लगे हुए थे। उन्होंने समाज में सामाजिक समरसता का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए वनों में रहने वाले भील समाज को अपनी सेना का अभिन्न अंग बनाया। हल्दीघाटी का युद्ध साक्षी है कि राणा प्रताप ने मुगलों के छक्के छुड़ा दिए थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता चित्तौड़ प्रांत अध्यक्ष कृष्ण कुमार गौड़ ने की।
अजमेर महानगर संयोजक हिम्मत सिंह चौहान ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ ब्यावर महिला प्रमुखा ज्योति चांवरिया ने ध्येय मंत्र से किया। संगीता राठौड़ महिला प्रमुखा बूंदी ने संस्कृत काव्य गीत ‘शूरा वयम् वीरा वयम्’ प्रस्तुत किया। कोटा महानगर महिला प्रमुखा निहारिका बच्चन ने कल्याण मंत्र प्रस्तुत किया । कार्यक्रम में प्रांत शिक्षण प्रमुख मधुसूदन शर्मा, प्रांत विद्वत परिषद प्रमुख परमानंद शर्मा, विभाग संयोजक अजमेर डॉ. आशुतोष पारीक, विभाग संयोजक भीलवाड़ा परमेश्वर प्रसाद कुमावत, जिला संयोजक बारां पीयूष गुप्ता, प्रांत सहशिक्षण प्रमुख तरुण मित्तल, प्रांत महिला प्रमुखा दिव्य ढूंढारा, शाहपुरा जिला महिला प्रमुखा पूजा गुर्जर, गीतराम शर्मा, मंजुला शर्मा आदि ने भी विचार व्यक्त किए।
अंत में मुख्य वक्ता सत्यनारायण कुमावत व संस्कृत भारती प्रांत अध्यक्ष कृष्ण कुमार गौड़ ने चित्तौड़ प्रांत के यू-ट्यूब चैनल व फेसबुक पेज का उद्घाटन भी किया। संचालन काॅलेज व्याख्याता कृष्ण कुमार कुमावत ने किया। देश की शान महाराणा प्रताप की 480वीं जयंती पर शहर में कई जगह आयाेजन हुए। साेशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए कई संगठनाें ने शहर के विभिन्न स्थलाें पर महाराणा प्रताप की मूर्ति पर माल्यापर्ण कर उन्हें याद किया।
राजपूत स्टूडेंट यूथ ऑर्गेनाइजेशन की ओर से एसपीसी जीसीए में स्थित महाराणा प्रताप स्मारक पर माल्यापर्ण किया गया। राजस्थान सर्व ब्राह्मण महासभा, राजपूत करणी सेना के पदाधिकारियों ने श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस दाैरान आरएसओ संस्थापक दशरथ सिंह सकराय, राजपूत करणी सेना के प्रदेश उपाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह चुंडावत, राजस्थान सर्व ब्राह्मण महासभा के संभाग अध्यक्ष कपिल व्यास, निहाल सिंह शेखावत, समाजसेवी कुलदीप सिंह शेखावत ने भी विचार रखे।
इसी तरह अजयमेरू जिला फोटोग्राफर्स और प्रथम प्रकाश संस्था ने भी महाराणा प्रताप जयंती मनाई। संयोजक रमेश लालवानी ने बताया कि समाराेह में नितिन सिंह, पंडित दिनेश शर्मा सहित अन्य माैजूद थे। इसी तरह भाजयुमाे की ओर से भी नाैसर घाटी स्थित स्मारक पर पुष्प भेंट कर महाराणा प्रताप काे नमन किया। युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष दीपक सिंह राठौर ने बताया कि हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए।
गाड़िया लोहार विकास समिति ने मनाई जयंती
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती अखिल भारतीय गाडिया लोहार विकास समिति समाज की ओर से मनाई गई। महाराणा प्रताप की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए नमन किया गया। काेराेना याेद्धा नाका मदार क्षेत्र के सफाई कर्मी, जेपी नगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के नर्सिंग स्टाफ, नाका मदार पुलिस चाैकी, अलवर गेट थाना एसएचओ सहित पुलिसकर्मियाें का स्वागत किया गया। इस माैके पर विधायक अनिता भदेल, सुरेंद्र सिंह शेखावत महावीर सिंह राठाैड़ अध्यक्ष नाका मदार विकास समिति भी सम्मिलित हुए।
अखिल भारतीय गाडिया लोहार विकास समिति के अध्यक्ष औंकार सिंह नांदी, माेहनलाल, बाबूलाल चाैहान, मिश्रीलाल, मुकेश चाैहान, राहुल चाैहान, सिकंदर चाैहान, हंसराज साेलंकी माैजूद रहे।