जयपुर : सीएम गहलोत ने प्रदेश की 10 कृषि उपज मंडियों में ई-नाम परियोजना से संबंधित समस्त कार्य पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विशेषज्ञ संस्था के माध्यम से कराए जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इन दस मंडियों को दो क्लस्टर में बांटकर ई-उपापन की कार्यवाही की जाएगी। प्रथम क्लस्टर में कोटा, बारां, रामगंजमंडी, बूंदी एवं देवली तथा दूसरे क्लस्टर में श्रीगंगानगर, नागौर, बीकानेर, मेड़ता सिटी एवं जोधपुर अनाज मंडी में सम्पूर्ण व्यवहार ई-नाम पर किया जाना है। गहलोत की इस मंजूरी से इन मंडियों में राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) परियोजना का कार्य बेहतर ढंग से संचालित हो सकेगा। राज्य की 25 कृषि उपज मंडी समितियों में यह परियोजना चल रही है। शेष 119 मंडी समितियों को भी इससे जोड़ा जा रहा है। ई-नाम परियोजना से संबंधित कार्य वर्तमान में मंडी समितियों द्वारा अपने स्तर पर कराया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर की नोडल एजेंसी स्मॉल फार्मर्स एग्री बिजनेस कंसोर्टियम के दिशा-निर्देशों के आधार पर इस प्रोजेक्ट को सुगम एवं सुचारू रूप से संचालित करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत 12 माह के लिए विशेषज्ञ संस्था अथवा एजेंसी की सेवाएं ली जाएंगी।