-राजकमल व्यास/गजेन्द्रसिंह गहलोत
पाली/सोजतरोड। कोविड-19 महामारी में राशन की दुकानों [ Ration shop ] पर बंट रही दाल में काला ही काला नजर आ रहा है। ग्राहकों को एक किलो दाल में सौ-सौ ग्राम दाल कम दी जा रही है। रसद विभाग [ Logistics Department ] के अधिकारियों की उदासीनता के कारण राशन विक्रेता खुलेआम दाल की तुलाई में घपला कर रहे हैं। पाली जिले के सोजतरोड कस्बे में एक जागरूक उपभोक्ता ने वीडियो बनाकर इसका खुलासा किया है। वीडियो वायरल [ Video viral ] होने के बाद राशन की दुकानों से दाल खरीद चुके ग्राहक भी खुद को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं।
दरअसल, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उपभोक्ताओं को रसद विभाग की राशन की दुकानों के जरिए गेहूं व चने की दाल दी जाती है। इसके तहत प्रति राशन उपभोक्ताओं को निर्धारित मात्रा में गेहूं के साथ ही एक-एक किलो चने की दाल भी दी जा रही है। लेकिन, सोजतरोड में तो इसके विपरीत ही सामग्री की आपूर्ति की जा रही है। कस्बे में फुलाद रोड पर शास्त्री नगर क्षेत्र में राशन की दुकान स्थित है, जहां प्रति किलो दाल में से उपभोक्ताओं को 100-100 ग्राम दाल कम दी जा रही है। उपभोक्ताओं के कहने पर भी उन्हें पूरी मात्रा में सामग्री नहीं दी जा रही।
महिला अधिकारी से बात की, फिर कहा-20-30 ग्राम और दे दो
वीडियो में चौंकाने वाली बात सामने आई कि जब उपभोक्ता कम दाल लेने को राजी नहीं हुआ तो दुकान विक्रेता ने उपभोक्ता के सामने ही रसद विभाग की किसी महिला अधिकारी को फोन लगाया। इतना ही नहीं, वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि उसने अधिकारी को इतना तक कह दिया कि बाकी कोई दिक्कत नहीं है। आपके पास ही शिकायत आएगी। आप देख लेना। इसके बाद दुकानदार ने महज 100 ग्राम की बजाय महज 20-30 ग्राम दाल और देने को कह दिया।
धोने के बाद उपयोग में लेने पड़ रहे गेहूं
राशन की दुकानों के जरिए उपभोक्ताओं को वितरित किए जा रहे गेहूं की गुणवत्ता भी सही नहीं है। उपभोक्ताओं की मानें तो जो गेहूं दिए जा रहे हैं, वे काले पड़े हुए हैं और उनमें बदबू भी आती है। स्थिति ये है कि उपयोग के लिए लोगों को गेहूं को पानी से धोना पड़ा। फिर भी बदबू नहीं गई।
कम नहीं दे सकते सामग्री
दाल में नमी होती है। दो-तीन दिन रखने पर सूख जाती है, जिससे थोड़ा वजन कम हो जाता है। लेकिन, वे छीजत ले सकते हैं। उपभोक्ताओं को निर्धारित मात्रा से कम दाल नहीं दे सकते। यदि ऐसा हो रहा है तो कार्रवाई करवाई जाएगी। - सुरेशदत्त पुरोहित, जिला रसद अधिकारी, पाली