कोटा,थर्मल में शनिवार सुबह 6.30 बजे ठेकेदार के एक सुपरवाइजर पर भालू ने हमला कर घायल कर दिया। दोनों के बीच करीब 1 मिनट तक जबरदस्त संघर्ष हुआ। बाद में भालू जंगल की ओर भाग निकला। इसके बाद सुपरवाइजर दशरथसिंह थर्मल गेट पर आ गए। यहां तैनात सीआईएफएफ के जवानों को घटना की जानकारी दी। उन्होंने कुन्हाड़ी डिस्पेंसरी में इलाज कराया। ले जाया गया,जहा में चिकित्सकों ने इंजेक्शन और ड्रेसिंग के बाद छुट्टी दे दी। वहीं, थर्मल कर्मचारी यूनियन के नेता रामसिंह शेखावत ने भालू के हमले काे राेष जताया।
वहीं, सूचना मिलने पर मुकंदरा की टीम मौके पर पहुंची और स्थिति का जायजा लिया। रेंजर गौतम ने बताया यहां पर पोर्टेबल कैज लगा दिए हैं। भालू के रेस्क्यू के लिए निगरानी की जा रही है। 18 मई को मादा भालू ने थर्मल प्लांट ऑपरेटर देवकीनंदन पर हमला कर गंभीर घायल कर दिया था। सीनियर वेटनरी डाॅक्टर तेजेंद्र सिंह रियाड़ ने घटनास्थल पिंजरा रखवाया।
1 मिनट तक जिंदगी और मौत से हुआ संघर्ष, मैंने हिम्मत कर दोनों हाथों में भालू के पंजाें काे पकड़कर रखा ताे बची जान
भालू से संघर्ष करने वाले दशरथ सिंह ने भास्कर काे बताया कि शनिवार सुबह 6.30 बजे की बात है। कोयला प्लांट में निरीक्षण के लिए राउंड लगा रहा था। अचानक झाड़ियों से एक भालू तेज आवाज कर मुंह खोलकर मेरी ओर आया। अचानक भालू काे देख मैं सकपका गया। मैंने जान बचाने के लिए तत्काल एक पत्थर उठाकर उसकी ओर फेंक दिया। पत्थर उसके सिर पर लगा। इसके बाद भालू खड़ा हो गया और मेरी ओर आया। मेरे हाथ-पैर फूल रहे थे। मैंने हिम्मत नहीं हारी। दोनों हाथों से भालू के दाेनाें पंजों को पकड़ लिया। भालू ने पूरी ताकत लगाई।
मैंने भी पूरी हिम्मत से मुंह को बचाते हुए उसके पंजाें काे कसकर पकड़ रखा था। उसकी ताकत के आगे मेरा एक हाथ ढीला पड़ गया। मौका पाकर भालू ने एक पंजे से सीने पर वार कर दिया। मैं थोड़ा दूर हट गया और एक पत्थर उठाकर उसकी तरफ फेंका, इसके बाद भालू जंगल की ओर चला गया। यदि मैं दोनों हाथों को उसके पंजों से जकड़ता नहीं तो वह मुझे जिंदा नहीं छोड़ता। पहली बार जिंदगी और मौत का संघर्ष आंखों के सामने देखना पड़ा।
^सूचना मिलने पर टीम को तत्काल मौके पर भेज दिया। अब तक 5 भालू को रेस्क्यू कर जंगल में रिलीज कर दिया है। थर्मल प्रशासन को वाइल्ड लाइफ प्रूफ फेंसिंग के लिए उच्चाधिकारियों ने निर्देश दिए हैं। लेकिन इसकी पालना नहीं की जा रही है। वकैज लगा दिए हैं। भालू को रेस्क्यू करने संबंधी प्रोसेस भी की जाएगी। -आरएस भंडारी, एसीएफ मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व