श्रीगंगानगर,वकीलाें वाली डिग्गी के पास जितेंद्र वर्मा के घर हुई लूट की वारदात का असली मास्टर माइंड हनुमानगढ़ के शाहपीनी गांव निवासी मनप्रीतसिंह मजहबी सिख है। जितेंद्र वर्मा के यहां ड्राइवर की नाैकरी करने वाला मटीली राठान निवासी गुरजीतसिंह मजहबी सिख और मनप्रीतसिंह 18 एफ गुरुद्वारा में एक साथ पाठी का काम करते थे। वहां से चले जाने के बाद मनप्रीत ने तीन माह पूर्व ही प्रेम विवाह किया था। इसलिए उसकाे घर वालाें ने निकाल दिया था। उसे रहने काे घर और रुपयाें की जरूरत थी।
लाॅकडाउन के कारण वह परेशान था इसलिए उसने अपने दाेस्त गुरजीतसिंह से मदद मांगी। गुरजीतसिंह इन दिनाें लाेक परिवहन की बस चलाता है और श्रीगंगानगर से करणपुर रूट पर चलता था। वह लालचंद की ढाणी में किराए के मकान में रहता था। उसने अपने दाेस्त मनप्रीत काे 20 मई काे अपने पास बुलाकर चाैबारे पर रहने काे जगह दे दी। अब पैसाें की जरूरत पूरी करने काे उसी ने लूट करने का आइडिया गुरजीत काे दिया।
गुरजीतसिंह ने लूट करने काे जितेंद्र वर्मा का घर बताया क्याेंकि वह इनके यहां पूर्व में नाैकरी करता था, इसलिए घर का भेदिया था। यह आइडिया उसने 23 मई काे दिया था लेकिन तब जगह-जगह नाकेबंदी और सड़काें पर आवागमन कम हाेने तथा लूट के लिए टीम नहीं हाेने के कारण समय लगा। मुल्जिमों से लूटे गए गहने व हथियार बरामद कर लिए।
भास्कर पड़ताल : मनप्रीत ने जंडवाला निवासी दाेस्त से अादमी देने काे कहा, उसने कंधवाला निवासी कर्मजीत से मिलवाया, फिर टीम बनी
3 जून काे श्रीगंगानगर आए, पंजाब वाले युवक मटीली ठहराए गए, सुबह बस स्टैंड पर एक राय हुए :
जांच अधिकारी सेतिया चाैकी प्रभारी सुरजीतकुमार ने बताया कि 4 जून काे सुबह वारदात का दिन तय किया गया था। 3 तारीख काे पंजाब से मामा-बुआ के बेटे भाइयाें साेनू उर्फ अवतार और करण उर्फ कर्मजीत काे शाम काे बाइक पर गुरजीतसिंह के भाई के घर मटीली राठान ठहराया गया। अगली सुबह वे बाइक पर काेडा चाैक पहुुंचे। लालचंद की ढाणी स्थित अपने किराए के आवास से गुरजीतसिंह, मनप्रीतसिंह और उसका चचेरा भाई राजवीर कार पर बस स्टैंड के निकट पहुंचे।
एक बाइक पर सवार हाेकर पहुंचे डी ब्लाॅक पार्क, 10 मिनट वहीं बैठकर तय किया काैन क्या करेगा : 4 जून काे पांचाें आराेपी बस स्टैंड पर इक्ट्ठे हुए। कार में बैठकर साेनू और करण काे चाकू दिए गए। गुरजीतसिंह कार में ही रह गया और शेष चाराें आराेपी एक ही बाइक पर सवार हाेकर डी ब्लाॅक पार्क में पहुंचे।
वहीं, बैठकर तय किया कि काैन क्या करेगा। चाराें ने गली में और आसपास के माहाैल का जायजा लिया। लूट की पूरी साजिश मनप्रीतसिंह ने ही रची। वह 2014 में पंजाब पुलिस काे 2.600 किलाेग्राम अफीम तस्करी और दूसरी बार चाेरी के आराेप में गिरफ्तार हाे चुका है।
एसबीआई का सहायक मैनेजर 68 लाख रुपए की धाेखाधड़ी के आराेप में गिरफ्तार
यूआईटी के निकट एसबीआई के सहायक बैंक मैनेजर काे 68 लाख रुपए की धाेखाधड़ी के आराेपमें सदर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आराेपी पर बैंक मैनेजर माेहम्मद सदीक ने 21 मई काे मुकदमा दर्ज करवाया था।
जांच अधिकारी एसएचओ हनुमानाराम बिश्नाेई ने बताया कि अाराेपी सीकर के रामलीला मैदान के निकट हरलाल रेजीडेंसी में थर्ड फ्लाेर निवासी व हाल सहायक बैंक मैनेजर मनाेज साेनी पुत्र विष्णु साेनी काे शनिवार काे बैंक से गिरफ्तार किया गया है।
आराेपी ने बैंक में पद पर रहते महियांवाली निवासी जयप्रकाश कुम्हार पुत्र मानाराम के साथ मिलकर 22 लाख रुपए का बैंक काे नुकसान पहुंचाया। आराेपी ने जयप्रकाश के दादा हरिराम के नाम बीकानेर जिले के छतरगढ़ तहसील के अनकमांड रकबा पर 22 लाख रुपए का केसीसी लाेन स्वीकृत किया।
लाेनी किसान हरिराम की मृत्यु के बाद भी आराेपी सहायक बैंक मैनेजर ने इस केसीसी खाते से लगातार कई बार रकम का अपने और अपने परिचिताें के नाम पर ट्रांसफर कर बैंक काे नुकसान पहुंचाया। इसी तरह आराेपी ने किसान सरस्वतीदेवी पत्नी देवेंद्रकुमार बिश्नाेई के केसीसी खाते काे लगातार जारी रखकर 33 लाख रुपए का निजी लाभ प्राप्त करता रहा। इस महिला किसान ने 2010 में ही लाेन चुकता कर दिया था और खाते पर अनापत्ति प्रमाण पत्र यानि एनओसी भी जारी किया जा चुका था।
इसके बावजूद सहायक प्रबंधक इन खाताें से अपने निजी हित में रकम काम में लेता रहा। जांच अधिकारी एसएचओ ने बताया कि आराेपी काे गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया है। दूसरा आराेपी जयप्रकाश कुम्हार फरार है। उसे भी जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।