कोटा,उपखंड क्षेत्र में शुक्रवार को तेज बारिश होने के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ। तेज हवा के कारण कुछ जगहों पर टिनशेड और दुकानों के तिरपाल उड़ गए। वहीं, कृषि उपज मंडी में किसानों की मेहनत से उगाई जिंसें बारिश के पानी के साथ बह गई। मंडी में पहले से बंदोबस्त नहीं होने के कारण किसानों को नुकसान झेलना पड़ा। कई किसान तो बारिश के दौरान भी अपनी जिंस को बचाने में जुटे रहे।
बारिश इतनी तेज थी कि किसानों की जिंस सड़क पर बहकर नालियों में बह गई। मौसम की करवट के बाद किसानों पर पड़ी इस मार से किसान मायूस दिखाई दिए। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र के कच्चे रास्तों में अब निकलना तक मुश्किल हो गया है। मुख्य मार्ग में भी कुछ जगह वाहन चालकों को निकलने में परेशानी आई। चेचट से रावतभाटा जाने वाले मार्ग की हालत भी खराब है। शुक्रवार को मोड़क, चेचट-सुकेत, जुल्मी, सातलखेड़ी, दरा स्टेशन, मोड़क गांव समेत उपखंड क्षेत्र में तेज बारिश हुई। कहीं 30 मिनट तो कहीं 40 मिनट तक मूसलाधार पानी गिरा।
किसान बोले- पहले से बंदोबस्त होना चाहिए था
भास्कर रिपोर्टर कृषि मंडी में पहुंचा तो वहां किसान भारी मन से अपनी भीगी हुई जिंस को समेटने में जुटे थे। किसानों ने बताया कि जब मौसम विभाग ने चेतावनी दे दी थी और इसकी जानकारी समाचार-पत्रों के जरिए सभी को मिल चुकी थी तो मंडी प्रशासन ने पहले से बंदोबस्त क्यों नहीं किए। मंडी में अपनी जिंस को बचाने के लिए हर किसान के पास बंदोबस्त नहीं हो सकता है। ऐसे में व्यापारियों और मंडी समिति को प्रयास पहले से करने चाहिए थे। किसानों ने बताया कि भीगी हुई जिंस का अब कम दाम मिलेगा। ऐसे में हमें काफी नुकसान होगा।
जिनकी जिंस तुल गई वे बच गए
किसानों ने बताया कि मंडी के नियमानुसार जिन किसानों की जिंस नीलामी के बाद तुल जाती है, उस जिंस की जिम्मेदारी व्यापारियों की हाेती है। ऐसे में अगर जिंस का नुकसान होता है तो किसान को कोई फर्क नहीं पड़ता है, क्योंकि उसकी जिंस पहले बेची जा चुकी है। लेकिन अधिकांश किसानों की जिंस नीलामी की प्रक्रिया तक ही नहीं पहुंची थी, ऐसे में तुलने का सवाल ही नहीं उठता है। ऐसे किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। तुलने से पहले जिंस खराब होती है तो किसान पर ही भार पड़ता है।
बारिश आते ही मंडी में अफरा-तफरी
शुक्रवार को जैसे ही बूंदाबांदी शुरू हुई तो मंडी में हलचल शुरू हो गई, लेकिन बारिश ने किसानों को सोचने का समय तक नहीं दिया। अचानक तेज बारिश आते ही मंडी में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। कोई किसान खुद को बचाने के लिए भागता दिखा तो ज्यादातर किसान अपनी जिंसों को बचाने के जुगाड़ में लगे रहे। किसानों के पास जो भी बंदोबस्त था, उसके हिसाब से जिंस बचाने का प्रयास किया, लेकिन तेज पानी आने के कारण जिंस बह गई।
रावतभाटा में झमाझम, बिजली रही गुल, परेशानी
रावतभाटा. शहर में दोपहर 12:00 बजे घनघोर बादल छा गए और फिर देखते ही देखते तेज हवाएं चलने लगी और फिर जमकर बारिश हुई। तेज बारिश से नालों में भी पानी में बह उठा। कई जगहों पर सड़क पर भी पानी बहने लगा। बारिश से मौसम में ठंडक हो गई। बारिश का दौर दोपहर तक चलता रहा। इस बारिश को प्री मानसून बारिश माना जा रहा है। बारिश की पहली दस्तक से ही अब किसानों ने भी खेतों में तैयारी शुरू कर दी है। दोपहर और शाम को भी बूंदाबांदी होती रही। अचानक आई तेज बारिश से खरीदारी करने आए लोग बारिश से बचाव करते नजर आए। तेज हवा चलने के कारण बारिश भी गुल रही। बाद में मौसम ठीक होने पर विद्युत विभाग ने बिजली व्यवस्था शुरू की।
चेचट-रावतभाटा मार्ग पर कीचड़, वाहन चालक फंसे
चेचट. क्षेत्र के देवली खेदारुददा से होते हुए रावतभाटा की ओर जाने वाले रास्ते पर पहली पहली बारिश होने के बाद ही मार्ग में परेशानी आ गई। शुक्रवार को करीब एक घंटे तक तो इस मार्ग पर वाहन ही नहीं निकल पाए। जो वाहन निकलने का प्रयास कर रहे थे, वे फिसलने लगे। कुछ लोगों ने मार्ग में जुगाड़ पर गिट्टी भरी तब लोग निकल पाए। इस स्टेट हाईवे की हालत लंबे समय से खराब है। तीन वाहन चालक निकलने के प्रयास में चोटिल हो गए।