गंगापुर सिटी/सवाई माधोपुर
केंद्र सरकार रेलवे में मल्टी स्किलिंग करके रेल कर्मचारियों के पदों एवं पदोन्नतियों को कम करने की साजिश बना रही है। अब सरकार चाहती है कि हर रेल कर्मचारी 3-4 तरह का कार्य अपनी ड्यूटी में करने में सक्षम हो। केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के विरोध में ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन एवं वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन के तत्वाधान में चल रही रेलकर्मी जागरुक सप्ताह के तहत शुक्रवार को रेल कर्मचारियों से सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के बारे में चर्चा करते हुए यूनियन के मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र जैन ने बताया कि सरकार मल्टी स्कीलिंग करके रेल कर्मचारियों की संख्या 50 प्रतिशत तक कम करने की फिराक में है। इसके साथ साथ रेलवे के बहुत सारे कार्यों को भी निजी हाथों में सौंपने के लिए योजना बना रही है।
ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन और वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री को पत्र लिखकर इस बारे में अपना विरोध दर्ज करा दिया है। इससे पहले मंडल सह सचिव श्रीप्रकाश शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार ने पहले कोरोना वायरस महामारी के दौरान ही महंगाई भत्ता फ्रीज करने का एक तरफा अमानवीय निर्णय लिया।
इसी प्रकार मजदूर आंदोलन को कमजोर करने के लिए श्रम कानूनों में संशोधन के नाम पर उद्योग पतियों के हित में बनाने के लिए बदलाव किए और अब हमारी केंद्र सरकार मल्टी स्किलिंग के माध्यम से कर्मचारियों की पदोन्नति व पदों को कम करने के लिए साजिश रच रही है। जिसे रेलकर्मी किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।