बांसवाड़ा,महात्मा गांधी अस्पताल में कोरोना जांच की तैयारी तो पूरी कर दी गई है, लेकिन जांच शुरू होने में अब भी दस दिन की देरी होने की संभावना है। क्योंकि मशीन तो आ गई लेकिन जांच करने वाला कोई नहीं। इसके लिए अब देरी का कारण कार्मिकों को प्रशिक्षण देने के कारण हो रहा है। सवाल व्यवस्था पर यह भी उठ रहा है कि जांच शुरू करानी थी तो पहले प्रशिक्षण क्यो नही दिया।
ट्रेनिंग दो चरणों मे हो रही है जिसमे 6 डॉक्टर और 10 लेब असिस्टेंट हैं। डॉक्टर को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, वहीं असिस्टेंट का शेष हैं। इधर, सिविल वर्क अंतिम चरण में है और मशीनें भी आने लगी है। पहली खेप में पांच मशीनें पहुंच गई हैं, जिनमें से दो अमेरिका से आई हैं। हालांकि शेष मशीनों के आने का इंतजार किया जा रहा है। लैब महात्मा गांधी चिकित्सालय के अकाउंट और संस्थापना शाखा को डिस्मेंटल कर किया जा रहा है।
आरएनटी मेडिकल कॉलेज के तकनीकी अधिकारियों की देखरेख में सेक्शन का कार्य चल रहा है। पांच अलग-अलग सेक्शन बनाए गए हैं। बताया जा रहा है कि लैब के लिए लगभग एक दर्जन मशीनों की आवश्यकता होगी, जिनके लिए अलग-अलग कंपनियों को ऑर्डर भेज दिए गए हैं।