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रविवार, 7 जून 2020

धार्मिक स्थल खोलने पर कोटा के धर्मगुरुओं ने दिए सुझाव, वीसी के जरिए मुख्यमंत्री से बात की

धार्मिक स्थल खोलने पर कोटा के धर्मगुरुओं ने दिए सुझाव, वीसी के जरिए मुख्यमंत्री से बात की
कोटा,मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यभर के धर्मगुरुओं के साथ मुख्यमंत्री निवास से वीडियाे काॅन्फ्रेंसिंग के ज़रिए धर्मस्थल खोलने के सुझाव मांगे। इसमें काेटा के धर्मगुरु भी शामिल हुए।
कोटा में सूचना प्रौद्योगिकी हाल कलेक्ट्रेट से वीडियाे कांफ्रेसिंग के द्वारा बात की। इसमें शहर क़ाज़ी अनवार अहमद, महासचिव क़ाज़ी बोर्ड मौलाना फज्ले हक़, गाेदावरीधाम के शैलेन्द्र भार्गव, मिलन बाबा व मथुराधीश मंदिर पाटनपोल से चेतन शाह, सीएनआई चर्च सब्जीमंडी से अनिल पॉल, फलोदी माता मंदिर बोरखेड़ा प्रभुलाल गुप्ता, संजय शर्मा बड़े मथुरादास मंदिर पाटनपोल से मौजूद रहे। कोटा से मात्र मौलाना फ़ज़्ले को ही मुख्यमंत्री से बात का अवसर मिला।
उन्होंने भरोसा दिलाया जिस तरह धर्मगुरुओं ने सरकार की एडवायजरी की पालना की है। सरकार द्वारा धार्मिक स्थल खोलने पर जो भी एडवाइजरी बनाई जाएगी, समाज से अपील कर धर्मगुरु पालना कराएंगे। साथ ही सुझाव दिया कि धर्मस्थलों को खोलने से पूर्व कलेक्टर की अध्यक्षता में धर्मगुरुओं व समाजसेवकों की समिति बनाकर राज्य सरकार को सुझाव भेजे जाएं, ताकि धर्मस्थल खुलने पर अव्यवस्था न हो। साथ ही मंदिर के पुजारियों और मस्जिदों के इमामों, गुरुद्वारा व चर्च के धर्मगुरुओं को खाद्य सामग्री के अलावा राशि के विशेष पैकेज दिए जाए। वहीं अजमेर दरगाह कमेटी के चेयरमैन अमीन पठान ने जयपुर में सीएम की वीसी में भाग लिया।
भगवान जगदीश हुए बीमार,15 दिन रहेंगे हाेम क्वारेंटाइन, औषधियाें से किया जाएगा उपचार
शहर में गर्मी खूब पड़ी। काेटा में अधिकतम तापमान 46 डिग्री से ऊपर चला गया। दाे-तीन दिन से बारिश आने से थाेड़ी मिली। गर्मी से जहां सब लाेग प्रभावित हुए हैं, वहीं मान्यता है कि रामपुरा में जगदीश मंदिर में बिराजे भगवान जगदीश भी गर्मी की चपेट में आ गए, जाे बीमार हो गए हैं। शुक्रवार रात काे पूजा-अर्चना करने के बाद मंदिर बंद कर भगवान काे हाेम क्वारेंटाइन कर दिया गया। जाे पूरे 15 दिन बेडरेस्ट पर रहेंगे। 15 दिन तक भगवान का तुलसी, लौंग और काली मिर्च का भोग लगाकर उपचार किया जाएगा।
मंदिर की घंटियां, झालर एक तरफ रख दिए गए। ताकि भगवान के उपचार में काेई बाधा न पहुंच सके। अब वे 22 जून काे फिर से दर्शन देंगे। रामपुरा स्थित प्राचीन जगदीश मंदिर मंदिर में विराजे भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र को करीब 200 किलो आम रस का भोग लगाया गया था। कहा जाता है कि इससे भगवान की तबीयत बिगड़ गई। वैद्य को बुलाया जाता है।
मंदिर के चीफ एडमिनिस्टर एसकेएस आनंद ने बताया कि उन्होंने भगवान की नाड़ी की जांच की और फिर लौंग-तुलसी से इलाज शुरू किया। 21 जून तक मंदिर के पट के बंद रहेंगे। इस दाैरान नेत्र उत्सव मनाया जाएगा। इसमें पंडित माैजूद रहेंगे, पूजा करेंगे। वैद्य ने भगवान के स्वास्थ्य में सुधार के लिए कम से कम 15 दिन लगना बताया है। ऐसे में मंदिर में शोर ना हो इसके लिए न केवल मंदिर की घंटियों को कपड़े से बांध दिया गया।
23 जून को निकलेगी सांकेतिक रथयात्रा
मंदिर अधिष्ठाता चिरंजीवी के अनुसार भगवान के स्वास्थ्य में सुधार होने पर 22 जून की शाम साढ़े सात बजे मंदिर पट खोले जाएंगे। तब दर्शन होंगे। इस दिन हवन होगा। 23 जून सुबह साढ़े 7 बजे मंदिर से पुरी की तर्ज पर भगवान जगन्नाथ की सांकेतिक रथयात्रा निकाली जाएगी। यह मंदिर में ही निकाली जाती है। आनंद ने बताया कि जब तक सरकारी गाइड लाइन नहीं आ जाती, जब तक श्रद्धालुओं काे दर्शन नहीं करने दिए जाएंगे। इसके लिए मंदिर पर भी भक्ताें के प्रवेश बंद का बाेर्ड लगा दिया है।
भगवान हर साल बीमार हाेते हैं, लेकिन इस बार काेराेना के समय मंे एेसा हुअा ताे भगवान काे क्वारेंटाइन किया है। अब राेज प्रार्थना की जाएगी कि भगवान के ठीक हाेते ही देश से काेराेना भी चला जाए। देश पूरी तरह से काेराना मुक्त हाे जाए।
औषधि का लगा रहे भोग
अब वैद्य रोजाना मंदिर में भगवान के स्वास्थ्य की जांच करते हैं। भक्तों को मंदिर प्रशासन की ओर से दर्शन के दौरान शांत रहने के निर्देश दिए हैं। शनिवार से भगवान के बाल स्वरूप की नियमित देखभाल की जा रही है। रोजाना औ​षधि तुलसी, लौंग और काली मिर्च का भोग लगाया जा रहा है।