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शनिवार, 6 जून 2020

मनमाने आदेशों की जांच कराने की मांग, शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

गगांपुर सिटी/सवाई माधोपुर, राजस्थान राजपत्रित अधिकारी संघ विद्यालय शिक्षा द्वारा 23 मार्च से अब तक विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शिक्षकों की गरिमा को ताक पर रखकर निकाले गए मनमाने आदेशों की जांच कराने की मांग की है। साथ ही इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष करणदान रत्नू, प्रदेश महामंत्री मोहम्मद हारून, प्रदेश संयुक्त महामंत्री कपिल भार्गव, प्रदेश संगठन मंत्री हनुमान गोयल व जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि न्यायालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय भारत सरकार के आदेश के द्वारा शिक्षकों की सभी गैर शैक्षिक कार्यों में ड्यूटी लगाने तथा गैर शैक्षिक कार्य करवाए जाने पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके उपरांत भी विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा&ठ्ठड्ढह्यश्च; अपने स्तर पर नियम विरुद्ध व मनमाने ढंग से ड्यूटियां लगाई जा रही है।
इनमें शिक्षकों की टिड्डी भगाने, ट्रेन के लिए रेलवे स्टेशन पर ड्यूटी, शादी में सोशल डिस्टेंस बनाए रखने, क्वारंटाइन सेंटर में मनोरंजन करने, शहर में प्रवेश करने वाले प्रवासियों की जांच के लिए चेकपोस्ट पर, खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जोड़ने व हटाने, खाद्य सुरक्षा सूची में लाभार्थियों को सूची में शामिल कराने और अब तो यहां तक कि जिला कलेक्टर करौली द्वारा आवारा पशुओं गाय, बैल, सांड, बछड़े आदि का विभिन्न वार्ड, गलियों, सार्वजनिक स्थलों पर सर्वे करने की ड्यूटी तक राजपत्रित शिक्षकों की लगाई जा रही है।
ऐसा लगता है कि शिक्षा विभाग के राजपत्रित अधिकारियों के अपमान करने के लिए इस तरह ड्यूटी लगाई जा रही है जिससे राजपत्रित वर्ग जिनमें व्याख्याता, प्रधानाचार्य व जिला शिक्षा अधिकारी (समकक्ष मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी) आदि में संपूर्ण शिक्षा विभाग परिहास का केंद्र बनता जा रहा है। साथ ही इससे शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। जिलाध्यक्ष शर्मा ने बताया शिक्षक वर्ग में नाराजगी का माहौल है।