रामगंजमंडी/कोटा,उपखंड क्षेत्र में शनिवार शाम अचानक फिर टिडि्डयों ने हमला कर दिया। इस सीजन में तीसरी बार टिडि्डयों का दल उपखंड क्षेत्र में पहुंचा है। एक बार तो आसमान से सीधा निकल गया, लेकिन दो बार फसलों को नुकसान पहुंचाया। शनिवार शाम 6 बजे करीब रामगंजमंडी शहर के लोगों ने जब आसमान की ओर देखा तो करोड़ों की संख्या में टिड्डियों का दल मंडराता दिखाई दिया। लोगों ने इनको भगाना शुरू कर दिया।
ग्रामीण क्षेत्र में भी लोगों ने तगारियां-ढोल और अन्य वाद्य यंत्रों के जरिए शोर कर टिडि्डयों को भगाने का प्रयास किया। हवा कम चलने के कारण टिडि्डयां छतों, पेड़ों पर बैठ गई। करीब 15 मिनट बाद लोगों और प्रशासन के प्रयासों से टिडि्डयां शहर से दूर चली गई। हालांकि, टिडि्डयों ने खेतों और शहर के गार्डनों में पत्ते चट कर दिए। कोई बड़े नुकसान की सूचना नहीं आई है।
शहरवासियों ने दिखाई एकजुटता, थालियां बजाकर किया शोर
रामगंजमंडी निवासियों नरेंद्र राजा, अजीत पारख, लव शर्मा, ललित शर्मा, वीरेंद्र जैन ने बताया कि शहर में शाम को भारी संख्या में टिडि्डयां उड़ती हुई दिखी। इसके बाद लोगों ने अपने परिवारों के साथ घर में थालियां, तगारियां-ढोल समेत अन्य से शोर करना शुरू कर दिया। बाजारों में भी लोगों ने डीजे बजाए तो बैंड वालों ने भी टिडि्डयां भगाने के लिए बैंड बजाया।
वहीं, उपखंड अधिकारी को सूचना मिलने के बाद वे भी फील्ड में निकल गए। उन्होंने एंबुलेंस, दमकल और पुलिस वाहनों के सायरन बजाने के निर्देश दिए। इसके बाद नगरपालिका के ईओ पंकज मंगल ने पालिका की दमकलें भेजी। दमकल कर्मचारियों ने पेड़ों पर प्रेशर से पानी छिड़ककर वहां बैठी टिडि्डयों को भगाया। वहीं, पुलिस वाहन और एंबुलेंस भी सायरन बजाने लगी।
ग्रामीण बाेले- मप्र की तरफ से आई, भगाया
ग्रामीणों ने बताया कि टिडि्डयों का दल मध्यप्रदेश की तरफ से नुरपुरा होते हुए दड़ीया-दुड़कली रिछडिया पहुंचा। वहां से खैराबाद आया तो लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। प्रयासों के बाद टिडि्डयां यहां से भाग गई। वहीं, इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में जय मां काली नवयुवक मंडल ट्रस्ट काली माता मंदिर सेवा समिति द्वारा टिड्डी दल भगाने के लिए वाद्य यंत्रों के साथ धुआं किया गया।
खैराबाद में भी पत्ते चट कर गई टिडि्डयां
खैराबाद| शनिवार को शाम पौने 6 बजे जवाहर नवोदय विद्यालय खैराबाद में टिड्डियों ने आतंक मचाया। इससे आसपास रहने वाले किसान और कर्मचारी डर गए। किसानों ने अपने खेतों में जाकर थालियां और ढोल बजाए तो टिडि्डयाें को दल यहां से रवाना हुआ। टमाटर और पपीते की फसल के पत्ते टिडि्डयों ने चट कर दिए।