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शनिवार, 22 अगस्त 2020

काेटा में अक्टूबर से खुलेगा प्रदेश का सबसे बड़ा बायाेलाॅजिकल पार्क, 1905 में बने रियासतकालीन चिड़ियाघर से वन्यजीवाें की शिफ्टिंग शुरू

32 साल के लंबे इंतजार के बाद काेटावासियाें काे अब वन्यजीव खुले में घूमते नजर आएंगे। अभेड़ा स्थित बायोलॉजिकल पार्क अक्टूबर तक खाेलने की तैयारी की जा रही है। ये प्रदेश का सबसे बड़ा और पांचवां बायाेलाॅजिकल पार्क हाेगा। यहां 1905 में बने रियासतकालीन चिड़ियाघर से वन्यजीवाें की शिफ्टिंग शुरू हाे गई है। पहले चरण में यहां नील गाय और एक मादा चीतल को शिफ्ट किया गया है। 126 हैक्टेयर में बन रहे इस पार्क में 44 एनक्लाेजर हाेंगे। पहले फेज में 20 कराेड़ की लागत से 17 एनक्लाेजर बनाए गए हैं। बाकी दूसरे चरण में बनेंगे।
शुक्रवार काे सीनियर वेटेरनरी डाॅ. विलासराव गुल्हाने और चिड़ियाघर के अधिकारियाें ने दाे मेल नीलगाय और एक मादा चीतल काे बायाेलाॅजिकल पार्क में सुरक्षित रिलीज किया है। इनकी निगरानी के लिए केयरटेकर की ड्यूटी लगा दी है। इस शिफ्टिंग ऑपरेशन में डीसीएफ एएन गुप्ता, एसीएफ अनुराग भटनागर, रेंजर रामप्रसाद बाेयत, कार्यवाहक इंचार्ज चिड़ियाघर मुकेश नाथ, मनाेज शर्मा, बुद्धराम जाट, देवराज, कमल, सुलेंद्र सहित अन्य कर्मचारी माैजूद रहे।

गिर से बब्बर शेर, नाहरगढ़ से लाएंगे भालू
यहां दुर्लभ वन्यजीवों को लाने के संबंध में शुक्रवार काे डीसीएफ आलाेक नाथ गुप्ता और एसीएफ अनुराग भटनागर की टीम ने चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन काे पत्र लिखा है। संभावना है कि पार्क के लिए बब्बर शेर को गुजरात के गिर से, भालू का जोड़ा नाहरगढ़ से और जयपुर से बाघिन महक काे भी लाया जाएगा।

^चिड़ियाघर से अभेड़ा बायाेलाॅजिकल पार्क के लिए पहली बार तीन वन्यजीवाें की शिफ्टिंग कर दी है। अब जल्द ही सेकंड फेज का कार्य शुरू करवाने की प्राेसेस करेंगे। साथ ही अन्य वन्यजीवाें काे बाहर से लाने के लिए भी प्राेसेस हाेगी।
-डाॅ. एएन गुप्ता, डीसीएफ, वन्यजीव काेटा
^चिड़ियाघर से पार्क में वन्यजीवाें की शिफ्टिंग मुख्यरूप से स्ट्रेस फ्री हाे, शाॅक फ्री हाे और फ्रेंडली हाे। साथ ही शिफ्टिंग केयरटेकर की निगरानी हाे। शाकाहारी और मांसाहारी दाेनाें वन्यजीवाें के लिए विशेष डाइट हाे।
- डाॅ. अरविंद माथुर, सीनियर वेटेरनरी वाइल्ड लाइफ

वन्यजीवों की विशेष देखभाल की जरूरत
^वर्ष 2013 से ही वन्य जीव प्रेमियों के साथ चिड़ियाघर के वन्यजीवों को स्वच्छंद माहौल मिले इसके लिए संघर्ष किया था। विधायक बनने के बाद भी पुरजोर संघर्ष कर कोटा में बायोलॉजिकल पार्क की स्थापना को लेकर आवाज उठाई है। चिड़ियाघर से अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में रिलीज किए जा रहे वन्यजीवों के लिए भोजन, पानी को लेकर पूरी निगरानी की जाए ताकि उन्हें किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो। चिड़ियाघर से जाने वाले वन्यजीवों को अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में नया माहौल मिलेगा ऐसे में वन्यजीव विभाग को सावधानी रखने की जरूरत है। कोटा के लिए आने वाले समय में एक टूरिस्ट पॉइंट बन सकेगा।
-संदीप शर्मा, विधायक, कोटा दक्षिण



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बायाेलाॅजिकल पार्क की जमीन।