शहर में काेराेना से स्वस्थ हाे चुके संक्रमितों पर वायरस का प्रभाव जानने के लिए एमडीएम के मेडिसिन विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर स्टडी करेंगे। ऐसे लोगों की जांच व देखरेख के लिए एमडीएम की जिरिएट्रिक विंग में एक ओपीडी खोली जाएगी। इस ओपीडी काे 24 अगस्त से शुरू करने की योजना है। यहां डिस्चार्ज हाे चुके राेगियाें काे बुलाकर उनकी जांच की जाएगी। उनमें काेराेना के बाद लंबी बीमारी का असर देखा जाएगी।
यह भी जांचा जाएगा कि वायरस का उनके शरीर के किस अंग पर ज्यादा प्रभाव पड़ा अाैर स्वस्थ हाेने के बाद वह असर है या नहीं। ठीक हुए लोगों की मानसिक व शारीरिक क्षमता में आए बदलाव और उनके व्यवहार के परिवर्तन पर अध्ययन होगा। इसके लिए सीटी स्कैन व ब्लड जांच आदि भी अस्पताल के स्तर पर की जाएगी। यह स्टडी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. श्याम माथुर, सीनियर प्रोफेसर डॉ. अरविंद जैन व डाॅ. नवीन किशाेरिया और रेजिडेंट डाॅक्टर भरत करेंगे।
स्टडी करने वाली टीम में शामिल डॉ. नवीन किशोरिया ने बताया कि दरअसल, काेराेना से संबंधित हाल ही में प्रकाशित एक लिटरेचर में बताया गया कि डिस्चार्ज हाेने वाले करीब 25% मरीजाें में पाेस्ट काेराेना इफेक्ट रह जाते हैं। ऐसी विभिन्न स्टडी में यह प्रतिशत भी अलग-अलग आ रहा है। इसे देखते हुए शहर में ठीक हाे चुके लाेगाें में पोस्ट कोरोना इफेक्ट देखने के लिए 4 माह की प्राेजेक्ट स्टडी का निर्णय लिया है। एम्स भी अगले सप्ताह से ऐसी ही स्टडी करेगा। डिस्चार्ज रोगियों को बुलाया जाएगा।
डाॅक्टर्स की अपील
ठीक हुए राेगी बिना डरे आएं और जांच करवाएं
डॉ. किशाेरिया ने बताया कि डिस्चार्ज हुए लोग 24 अगस्त से एमडीएम जिरिएट्रिक विंग में आकर जांच करवा सकेंगे। ऐसे लाेगाें काे डरने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है। इस विंग में कोरोना रोगी नहीं है। इसलिए आसानी से आकर चैकअप करवा सकते हैं।
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