जिले मे काम करने वाली सैकड़ों कंपनियों में वरीयता के आधार पर स्थानीय लोगों को रोजगार न दे पाने से अब धीरे धीरे आमजन में असंतोष बढ़ रहा हैं। बीते कुछ महीनों से जिले में सोलर, विंड तथा आरएसएमएम से ऐसे असंतोष के जगजाहिर होने की सूचनाएं सामने आ रही हैं।
10-11 दिनों से आरएसएमएम की सोनू माइंस में चल रही बेमियादी हड़ताल से जिले भर के करीब 400 ट्रकों के पहिए जाम हैं। वही सरकारी उदासीनता के चलते इस कोरोना काल में इन 400 ट्रक मालिकों के परिवारजनों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो चुका हैं।
दरअसल मामला यह था कि यहां के स्थानीय लोग अथवा ट्रक संचालक बीते कई सालों से एकजुट होकर गिट्टी के परिवहन का ठेका लेने वाले ठेकेदारों से अपने हक के पैसे लेने के लिए कभी हड़ताल तो कभी धरने का सहारा लेकर लोकतांत्रिक तरीके से अपना हक लेते आए हैं तथा गिट्टी परिवहन के पूर्व ठेकेदार भी उन्हें वाजिब हक देते आये है लेकिन इस बार के ठेकेदार से महज एक दो वार्ताओं के बाद से मांग राशि एवं ठेकेदार द्वारा प्रस्तावित राशि में करीब 50 प्रतिशत तक का फर्क आने से असंतोष उत्पन्न हो रहा हैं।
वहीं दूसरी तरफ आरएसएमएम माइंस के नजदीकी गांवो के करीब 100 लोगों को पुलिस ने शांति भंग की संभावनाओं को देखते हुए नोटिस जारी किए है तथा उनसे एसडीएम कार्यालय में व्यक्तिशः हाजिर होकर यह जवाब देने को कहा है कि कारण बताया जाए कि आपको आगामी छह महीनों के लिए लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति को सलामत रखने के लिए पाबंद क्यों नही किया जाए।
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