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मंगलवार, 8 सितंबर 2020

कोरोना में भी स्कूलाें में कार्यक्रम का फरमान, 100 रुपए में माइक इनाम-प्रशस्ति पत्र और अभिभावकाें को चाय-नाश्ता भी करवाना

कोरोनाकाल में अभी स्कूलों में बच्चे नहीं बुलाए जा रहे, फिर भी शिक्षा विभाग के अधिकारी उत्सव, आयोजन करने के आदेश उसी तरह निकाल रहे, मानो सब कुछ नाॅर्मल हो। स्कूल में चार-पांच घंटे चलने वाले कार्यक्रम के लिए बजट मात्र 100 रुपए दिया। वो भी जारी करना भूल गए।

अब संस्था प्रधान व अध्यापक परेशान हैं कि अभी कार्यक्रम कैसे करेंगे? दूसरा इस बजट में सब संभव कैसे? समग्र शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक बाबूलाल मीणा ने प्रत्येक स्कूल में सामुदायिक जाग्रति दिवस के लिए 17 सितंबर, 14 दिसंबर, 13 जनवरी तिथियां तय की गई। अमावस्या के दिन मध्यांतर के बाद पहले दो कालांश में अभिभावक, एसडीएमसी, एसएमसी सदस्यों की उपस्थिति में बालसभा हाेगी।

प्रत्येक कार्यक्रम के लिए 100 रुपए बजट बताया। इसमें 20 रुपए बच्चों को इनाम-प्रशस्ति पत्र बांटने पर खर्च करने हैं। शेष 80 रुपए में मंच, म्यूजिक सिस्टम, बैठक इंतजाम, अभिभावकों को चाय-नाश्ता, पानी के हैं। आदेश देख जिलेभर के करीब 1800 सरकारी स्कूलाें के संस्था प्रधानाें का माथा ठनक गया।

इतने कम बजट में यह सब कैसे करेंगे। सवाल यह है कि काेराेना के कारण अभी स्पष्ट नहीं है कि 17 सितंबर तक स्कूलाें में बच्चे आना शुरू हाेंगे या नहीं। न सरकार की ओर से ऐसे कोई आदेश आए। ऐसे में यह आयोजन कैसे करेंगे?

यह भी जानिए... सामुदायिक जागृति दिवस किस तरह मनाना है
समुदाय जाग्रति दिवस कार्यक्रम 17 सितंबर, 14 दिसंबर, 13 जनवरी को अमावस्या पर करने हैं। मध्यांतर बाद पहले दो कालांश में बालसभा होगी। जिसमें गायन, भाषण, वाद-विवाद, नृत्य, निबंध, श्रुतिलेखन, पत्र वाचन, चित्रकला प्रतियोगिता होगी।

अंतिम दो कालांश में एसडीएमसी, एसएमसी, अभिभावक और स्टाफ की बैठक होगी। जिसमें बाल विवाह, बालश्रम, महिला सशक्तिकरण, आपदा प्रबंधन, स्वच्छता, शौचालय, पेयजल, मिड-डे मील, ठहराव, बालिका शिक्षा, जनसहयोग पर वार्ता होगी। प्रबंधक कमेटी के साथ अभिभावकों को बच्चों की प्रगति के बारे में शिक्षक जानकारी देंगे।

यह कैसा बजट: यदि केवल चाय भी पिलाए तो भी 100 रुपए कम पड़ जाएंगे... किसी भी स्कूल में कार्यक्रम में 15 से 20 अभिभावक आए और उनको केवल चाय पिलाए, तब भी 100 रुपए का बजट कम पड़ जाएगा। ऐसे में नाश्ता, बच्चाें को इनाम या प्रशस्ति पत्र, माइक आदि खर्च काैनसे बजट से करेंगे। यदि इसके लिए भामाशाह जुटाना है या स्टाफ को जेब से खर्च करने हैं तो यह भी आदेश में नहीं लिखा।

17 सितंबर को कार्यक्रम कराना फिलहाल संभव नहीं। काेराेना के चलते अभी यह भी तय नहीं हुअा है कि स्कूलाें में बच्चाें काे कब से बुलाना है। अायाेजन बजट भी प्राप्त नहीं हुअा है। इसलिए शीर्ष अधिकारियाें से मार्गदर्शन मांग रहे हैं।
सत्यनारायण शर्मा, एडीसीपी, समग्र शिक्षा अभियान चित्ताैड़गढ़



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