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बुधवार, 16 सितंबर 2020

एमजी अस्पताल में भर्ती 225 मरीजों में से 70 को दे रहे हैं ऑक्सीजन ,रोज 150 सिलेंडर चाहिए

जिले में लगातार काेराेना मरीजाें की संख्या बढ़ रही है। इससे अब एमजी अस्पताल में ऑक्सीजन के लगभग आधे से अधिक बैड भरे हुए हैं और आईसीयू में भी मरीजाें काे भर्ती किया हुआ है। काेराेना के संदिग्ध वार्ड में राेज सैंपल देने के बाद भर्ती हाे रही है। एमजी अस्पताल में 225 बैड का काेराेना मरीजाें के लिए हैं। प्रतिदिन 60 से 70 मरीजाें काे ऑक्सीजन दी जा रही है। चिकित्सकाें का कहना है जिन मरीजाें का ऑक्सीजन लेवल 94 से 95 हाेता है। उनकाे अाॅक्सीजन दे रहे हैं। इनके अलावा जिनकाे जरूरत है उनकाे ताे दे ही रहे हैं। हर दिन 150 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडर की खपत हाे रही है। आरआरटी प्रभारी डाॅ. घनश्याम चावला ने बताया कि अब अधिकांश मरीज लक्षण वाले आ रहे हैं, जिन्हें सर्दी, खांसी, जुकाम व बुखार है। साथ ही जाे पूर्व पाॅजिटिव के संपर्क वाले आ रहे हैं वे भी लक्षण वाले ही हैं। अब बच्चाें से लेकर बुजुर्ग तक पाॅजिटिव आ रहे हैं। डाॅ. चावला ने बताया कि मुख्यमंत्री की विडियाें कांफ्रेस में भी विशेषज्ञ चिकित्सकाें ने कहा कि लाेग एक महीने तक मास्क लगाकर बाहर निकलें ताे काेराेना मरीजों की संख्या में कमी आ सकती है।

आरके आरसी माहेश्वरी भवन में कल से शुरू हाेगा कोविड केयर सेंटर

कोविड वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण मल्टीस्पेशलिटी बृजेश बांगड़ मेमोरियल हॉस्पिटल और स्वास्तिक हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में आरके आरसी व्यास माहेश्वरी भवन को प्राइवेट कोविड केयर सेंटर बनाया है। यहां पर कोविड-19 से संक्रमित हुए मरीजों का इलाज किया जाएगा।

बृजेश बांगड़ मेमोरियल हॉस्पिटल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. मोहित जैथलिया ने बताया कि गुरुवार से शुरू होने वाले प्राइवेट कोविड केयर सेंटर में मरीजों के लिए आईसीयू, सामान्य वार्ड एवं वातानुकूलित कॉटेज बनाए हैं। भवन में चिकित्सालय से संबंधित सभी उपकरण एवं सुविधाएं उपलब्ध होगी। डॉ. हरीश मारु ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से बनाए विभिन्न पैकेज के तहत इलाज होगा। इनमें साधारण मरीज, गंभीर मरीज से लेकर अत्यंत गंभीर मरीजों का इलाज किया जाएगा।

काेराेना जांच के बाद नहीं आ रहा है निगेटिव का मैसेज

कोरोना जांच रिपोर्ट आने के बाद पॉजिटिव आता है तो फोन के जरिए सूचना दी जाती है, लेकिन निगेटिव आने पर कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। जबकि पड़ाेसी जिलाें में जांच के बाद निगेटिव आने के बाद मैसेज करके बताया जा रहा है। जांच रिपाेर्ट नहीं मिलने पर सैंपल देने वाला व्यक्ति डर और तनाव के माहौल में रहता है। ऐसे में कई व्यक्ति तो सैंपल देने के बाद रिपोर्ट लेने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं।

एक और हैरान करने वाला तथ्य यह सामने आया है कि माेबाइल पर मैसेज नहीं आने से कई लाेग 48 घंटे के बाद खुद को निगेटिव मान लेते है। काेराेना का सैंपल लेने के बाद व्यक्ति काे मैसेज मिलता है, जिसमें आईडी नंबर आते हैं। यदि माेबाइल पर मैसेज आ जाए ताे उनकी एमजी अस्पताल में जाने की जरुरत नहीं हाेगी और किसी काे भी अपनी निगेटिव रिपाेर्ट माेबाइल में दिखा सकेगा। चित्ताैड़गढ़ व राजसमंद में भी इसी तरह से निगेटिव की सूचना माेबाइल पर मैसेज से दी जा रही है।



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