
बिजली कंपनियों में बैन के बावजूद सियासी संकट के दौरान 500 से ज्यादा तबादले किए गए, लेकिन कुप्रबंधन से एडिशनल चीफ इंजीनियर, अधीक्षण अभियंता सहित अन्य बड़े पदों पर 100 से ज्यादा पोस्ट खाली ही रह गई। प्रबंधकों ने कुछ जगह चार्ज देकर काम चलाने का प्रयास किया है। ज्यादातर कार्यालयों में जनता की सुनवाई करने वाला कोई अधिकारी नहीं है।
हाल यह है कि प्रदेश में 20 से ज्यादा पद तो अधीक्षण अभियंताओं व एडिशनल चीफ इंजीनियर के पद ही खाली है। सरकार ने ज्यादा बिजली छीजत व चोरी वाले जिलों में शामिल भरतपुर सर्किल सहित कई सर्किलों में पद खाली रख दिया। जोधपुर डिस्कॉम के एमडी अविनाश सिंघवी का कहना है कि जो पद खाली है, उन्हें जल्दी ही भर दिया जाएगा। वैसे ज्यादा पद खाली नहीं है तथा दूसरे के चार्ज दे रखा है।
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