नगर परिषद के अतिक्रमण विराेधी दस्ते ने शुक्रवार को 25 साल हाे रखे अवैध कब्जे काे हटा दिया। बांसवाड़ा-डूंगरपुर मुख्य मार्ग पर स्थित इस ढाई बीघा जमीन से नगर परिषद को नीलामी पर करोड़ों की आय हो सकती है। लिंक रोड के पास नगर परिषद की करीब ढाई बीघा जमीन पर कब्जा कर रखा था।
जिसपर राजस्व निरीक्षक देवेंद्र पाल सिंह के नेतृत्व में अतिक्रमण हटाने के लिए दाे जेसीबी के साथ दस्ता मौके पर पहुंचा और अवैध निर्माण को हटाते हुए जमीन को अपने कब्जे ले लिया। साथ ही वहां अब नगर परिषद का बोर्ड भी लगा दिया गया है। तीन घंटे की अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दाैरान काफी गहमागहमी भी हुई।
राजस्व निरीक्षक ने बताया कि यह जमीन नगर परिषद के खाते में दर्ज है, लेकिन शबाना डिंडोर ने कब्जा कर रखा था। इसके पहले हेमेंद्र डिंडोर का कब्जा था। कार्यवाही के दौरान अतिक्रमियों के साथ आरआई और दूसरे कार्मिकों की बहस भी हुई, दूसरे पक्ष की और से जमीन और कोर्ट के कुछ कागजात भी बताने की कोशिश की गई ताकि कार्यवाही को रोका जा सके। लेकिन आरआई के सामने उनकी एक नहीं चली। सभापति जैनेन्द्र त्रिवेदी ने बताया कि जमीन पर कब्जा कर कोर्ट में याचिका लगाई थी, दो बार लोअर कोर्ट में केस हार चुकी थी। इसके बाद हाईकोर्ट में गए, लेकिन याचिका स्वीकार नहीं की गई।
2016 को दिया था पहला नोटिस: आरआई ने बताया कि परिषद और प्रशासन की और से 2016 से इनको कब्जा हटाने के लिए नोटिस दिए थे। इस कब्जे को हटाने के लिए परिषद के वकीलों से राय ली गई। इसके बाद पार्टी को 48 घंटे का नोटिस तामील किया लेकिन वो नहीं हटे तो फिर कार्यवाही की गई।