सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सभी यूनिवर्सिटी कॉलेजों में फाइनल ईयर की परीक्षाओं का दौर शुरू होने वाला है। कोरोना को देखते हुए छात्रों को पेपर करने के लिए 3 घंटे की बजाय अब डेढ़ से दो घंटे का ही समय मिलेगा। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने सभी यूनिवर्सिटी को निर्देश दिए हैं।
विभाग ने प्रश्नपत्र में हर सेक्शन से प्रश्न करने की बाध्यता खत्म करने की बात कही है। परिणाम नवंबर अंत तक जारी होंगे। कोरोना संक्रमित छात्र या कंटेंनमेंट जोन के छात्रों या जो परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे उनके लिए विशेष परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा।
प्रायोगिक परीक्षा यूनिवर्सिटी द्वारा नियुक्त परीक्षक द्वारा प्रायोगिक रिकॉर्ड के आधार पर पूरी करवाई जाएगी। यूजी पीजी व सेमेस्टर फाइनल की परीक्षाएं 30 सितंबर तक पूरी करवाई जानी हैं। यदि कोई यूनिवर्सिटी में समय की कमी और पेपर्स की संख्या अधिक हो और परीक्षाएं 30 सितंबर तक पूरी करवाना संभव नहीं हो तो वह उच्च शिक्षा विभाग को अवगत करवाएगी।
एमपी, बंगाल में ओपन बुक एग्जाम हो रहे तो राजस्थान में ऑफ लाइन क्यों
प्रदेश में रोजाना 1500 से ज्यादा कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में ऑफलाइन परीक्षा किसी खतरे से कम नहीं। प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार यूजी, पीजी फाइनल के 6 लाख से ज्यादा छात्र ऑफलाइन परीक्षा में बैठेंगे। इधर, जयपुर में ही एमएनआईटी ऑनलाइन ओपन बुक एग्जाम करवा के रिजल्ट भी निकाल चुकी है।
ऐसे ही एमपी, पंजाब, छत्तीसगढ़, दिल्ली, महाराष्ट्र, प. बंगाल, ओडिसा ओपन बुक एग्जाम करवा रहे हैं तो राजस्थान में ऐसा कयों नहीं हो सकता? एमएनआईटी ने सभी ईयर के स्टूडेंट्स को घर बैठे मेल या लिंक से पेपर भेजा। इससे कोरोना में स्टूडेंट्स को आना जाना नही पड़ा। घर बैठे पेपर हुए, रिजल्ट भी जल्दी आये।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today