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सोमवार, 14 सितंबर 2020

3 किमी सड़क के मालिक दो विभाग, फिर भी जर्जर धूल के गुबार के बीच फिसलते रहते हैं वाहन चालक

पावटा सर्किल से सोजती गेट होते हुए जालोरी गेट चौराहा तक का मार्ग वैसे तो महज 2.9 किमी लंबा है, लेकिन अभी जगह-जगह हुए गड्ढे और उधड़ी सड़क पर चलना जोखिम भरा बना हुआ है। स्थिति ये है कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। शहर के बीच से गुजर रही इस सड़क के दाे मालिक हैं। पहला नेशनल हाइवे (एनएच) और दूसरा पीडब्ल्यूडी, लेकिन दोनों ही विभाग इसे लंबे समय से अनदेखा कर रखा है।

इसके चलते तीन किमी लंबा यह मार्ग जाे सिर्फ 15 मिनट में पार हाे जाना चाहिए, उसमें आधा घंटा लग रहा है। इस मार्ग पर जब हम पावटा सर्किल से बढ़ते हैं ताे चाैराहे पर ही टूटी सड़क से रूबरू होना पड़ता है। राइकाबाग के मुख्य रोडवेज की तरफ का रास्ता तो इतना जर्जर हो चुका है कि पैदल भी संभल कर चलना पड़ता है।

बारिश में पानी भरने के बाद तो वाहनों चालकों को टूटी सड़क से गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं होता। एनएच के हिस्से की सड़क तो 30 सितंबर या उसके बाद ठीक होने की पूरी संभावना है, लेकिन पीडब्ल्यूडी के हिस्से की सड़क के लिए पैसा आने पर ही काम संभव हो पाएगा।

पावटा सर्किल से पुरी तिराहा

लंबाई: 2 किमी , जिम्मेदार विभाग: एनएच

हालात : किसान भवन से राइकाबाग बस स्टैंड के बाहर तक सड़क गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। राइकाबाग से राइकाबाग पुलिया तक भी सड़क टूटी हुई होने से वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है। कलेक्ट्रेट के बाहर की सड़क नाला निर्माण से सड़क क्षतिग्रस्त है।


अब क्या : एनएच के एसई नेमीचंद शर्मा ने बताया कि एनएच ने मंडोर रोड से सोजती गेट-पुरी तिराहा, रेलवे स्टेशन होते हुए दुर्गादास राठौड़ ओवरब्रिज तक डामर की सड़क का काम किया जाएगा। अब तक चार किमी सड़क पर डामरीकरण हो चुका है।

पुरी तिराहा से जालोरी गेट चौराहा

लंबाई: 0.9 किमी, जिम्मेदार विभाग: पीडब्ल्यूडी

हालात : पुरी तिराहा से कांग्रेस मुख्यालय के आसपास सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। रात्रि में गड्ढों के कारण वाहन चालक हादसे का शिकार भी हो रहे हैं। सर प्रताप स्कूल के बाहर इंटरलॉकिंग टाइल्स लगाने के बावजूद आसपास की सड़क बारिश में टूटने से क्षतिग्रस्त है।
अब क्या : पीडब्ल्यूडी ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है। 1 साल पहले पीडब्ल्यूडी ने सर्वे कर बजट स्वीकृति का प्लान सरकार के पास भिजवाया था, लेकिन वहां से मंजूरी नहीं मिलने से तीनों जोन में काम अटका हुआ है। अभी भी पैसा आने पर ही मरम्मत संभव है।

ड्रेनेज नहीं होने से टूटती है सड़क
पावटा सर्किल से राइकाबाग बस स्टैंड तक की सड़क हाे या फिर कलेक्ट्रेट व सूचना केंद्र के बीच वाली सड़क, बारिश में पानी की निकासी नहीं होने से सड़क हर बार टूटती है। यही हाल कांग्रेस कार्यालय के बाहर व सर प्रताप स्कूल के आसपास का है। यहां भी पानी निकासी का कोई इंतजाम नहीं है।



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एनएच के हिस्से की सड़क तो 30 सितंबर या उसके बाद ठीक होने की पूरी संभावना है