कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो अपनों ने ही अपनों के लिए मुश्किल पैदा की है। कोरोना पॉजिटिव आने वाले अधिकांश लोगों में कोई लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं। वहीं जिस घर में किसी में लक्षण दिखाई दे रहे हैं वे ना तो चेकअप करवा रहे हैं न सावधानी बरत रहे हैं। कोरोना को गंभीरता से नहीं लेने एवं लापरवाही बरतने का नतीजा यह हो रहा है कि संक्रमित का ग्राफ बढ़ता जा रहा है।
कस्बे में मोटे तौर पर संक्रमण की शुरुआत 10 अगस्त से हुई। जब एक वृद्ध महिला पॉजिटिव आई। बीते एक माह में संक्रमितों की संख्या 78 पार हो गई। जिसमें से करीब 75 प्रतिशत कस्बे के हैं। चिंताजनक पहलू यह है कि कस्बे में संक्रमण तेजी से फैला है और परिवार के परिवार इसकी चपेट में आ गए। अब तक करीब एक दर्जन परिवार कोरोना की चपेट में आए हैं। जिनमें परिवार के दो से लेकर 6 सदस्य तक शामिल हैं।
जो भी कोरोना संक्रमित मिले हैं उनमें करीब 50 प्रतिशत लोग उक्त परिवारों से संबंधित हैं। चिकित्सा विभाग का कहना है कि लक्षण के बाद भी लोग सैंपल देने से बचते रहे। क्वारंेटाइन नियमों की भी पालना नहीं कर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार गत 10 अगस्त से अब तक 78 रोगी सामने आए हैं। संक्रमित जो सामने आए उनमें से आधे अपनों से ही संक्रमित हुए हैं। कोरोना संक्रमिताें की कांटेक्ट हिस्ट्री निकाली तो पॉजिटिव से संपर्क में आने वाले कई लोग क्वारेंटाइन होने के डर से अस्पताल में सैंपल भी देने के लिए नहीं आए।
परिवार संक्रमित होने पर क्वारेंटाइन करने का मैसज डाला, दूसरे दिन घूमते दिखे
कस्बे में एक व्यक्ति के परिवार से 6 जने संक्रमित आने के बाद उन्होंने ने भी खुद को क्वारेंटाइन करने के मैसेज सोशल मीडिया पर डालें। लेकिन वह अगले 2 दिन तक कस्बे में स्कूटी पर घूमता देखा गया। जब वह पॉजिटिव आया तब खुद को क्वारेंटाइन कर लिया। अधिकांश पढ़े लिखे लोगों के परिवार कोरोना की चपेट में आए हैं। चिकित्सा विभाग की माने तो अनलाॅक शुरू होने के साथ ही सरकार ने कई प्रकार की बंदिशों को खोल दिया। उसके बाद बाहर से आने वाले लोग बिना किसी सूचना के अपने घर पहुंच गए। उसकी लापरवाही के कारण परिवार के अन्य सदस्य भी कोरोना की चपेट में आ गए।
चिह्नित लाेग सैंपल देने से कतरा रहे, संपर्क में वालाें के नाम भी नहीं बता रहे
ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मीणा ने बताया कि राशमी कस्बे सहित उपखंड क्षेत्र में गत 1 माह में 78 कोरोना संक्रमित मिले हैं। जिनमें से 69 रिकवर हो गए। डिंडोली, राशमी, कीरखेड़ा, पहुंना व आरणी में कैंप लगाकर लगभग 2000 सैंपल लिए जा चुके हैं। चिकित्सा विभाग का प्रयास है कि अधिकाधिक सैंपल लिए जाए। लेकिन पॉजिटिव आने वालों की कांटेक्ट हिस्ट्री के आधार पर चिन्हित कई लोग सैंपल देने से कतराते हैं। जिन पर हम जबरदस्ती नहीं कर सकते। वहीं पॉजिटिव आए कई लोग अपने कांट्रेक्ट मे आने वालों के नाम भी बताने से कतराते हैं।
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