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गुरुवार, 3 सितंबर 2020

6 माह बाद आया मंडी में सरसों का सीजन सबसे अधिक 15 हजार कट्टों की आवक

कोरोना के कारण सुस्त पड़ी मंडी अब फिर से चहक रही है। बुधवार को मंडी में करीब 15 हजार कट्टे सरसों आई, जो इस सीजन की सबसे बड़ी आवक है। इससे तेल मिलर्स को राहत मिली है, क्योंकि दो महीने से 2 से 6 हजार कट्टे सरसों की आवक हो रही थी।

इससे मिलर्स दूर-दराज शहरों में जाकर नेफेड से माल खरीदने को मजबूर थे। सरसों का पीक सीजन मार्च माना जाता है, लेकिन इस बार यह कोरोना का शिकार हो गया। इसलिए 5-6 मार्च को ही 8-10 हजार कट्टे की आवक हुई और उसके बाद मंडी लॉकडाउन का शिकार हो गई। लेकिन अब मंडी फिर से आबाद हो रही है।

क्योंकि सरसों के भाव जोरदार है। बुधवार को करीब 15 हजार कट्टे की आवक हुई। प्रमुख आढ़तिया भूपेंद्र गोयल ने बताया कि इस सीजन की यह सबसे बड़ी आवक है। बुधवार की आवक गत दिवस के मुकाबले दो गुनी से अधिक है। मंगलवार को करीब 6 हजार कट्टे की आवक थी।

बुधवार को मंडी के भाव 5080 रुपए क्विंटल बोले गए, जो गत दिव से 20 रुपए कम थे। लेकिन अब किसान माल निकालने के मूड में है। इसलिए मंडी में ठीकठाक आवक बनी रहने की उम्मीद है। इसकी वजह भी हाल-फिलहाल में सरसों के भाव स्थिर रहने की संभावना है। इधर, सरसों की जाेरदार आवक से मंडी में हलचल बढ़ गई है।

सुबह से देर शाम तक बोली, तुलाई एवं लोडिंग का काम चल रहा है। इससे काफी समय बाद पल्लेदारों को ठीक-ठाक मजदूरी मिली है।

आगे क्या... श्राद्ध पक्ष में तेल की मांग घटी, स्थिर रहेंगे भाव
तेल के बढ़े हुए भावों के कारण बिहार, बंगाल, झारखंड, ओडिशा में डिमांड कम हो गई है। ब्रोकर सुमित अग्रवाल ने बताया कि 110 रुपए किलो के भाव में बाहरी प्रदेशों में डिमांड नहीं है। क्योंकि चावल और रिफाइंड आयल 20 रुपए सस्ता है। इसके अलावा श्राद्ध पक्ष भी प्रारंभ हो गया है।

ऐसे में एक पखवाड़े तक सरसों के भावों में स्थिरता रहेगी। यानी करीब 5 हजार रुपए क्विंटल के भाव रह सकते हैं। इधर, बुधवार को नेफेड के बांदीकुई डिपाे ने 5178 रुपए क्विंटल में आवंटन किया है। इसके अलावा टोंक में 5363 और निवाई में 5285 रुपए क्विंटल पर बोली छूटी।



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Mustard season in Mandi came after 6 months, the maximum arrival of 15 thousand kattas