अजमेर, जयपुर और टोंक जिले की प्यास बुझाने वाले बीसलपुर बांध में गत वर्ष 93.60 टीएमसी पानी बह गया था, यदि यह पानी स्टोर होता तो इससे पौने 8 साल तक पेयजल मिल सकता था। वहीं, इस बार महज 0.93 मीटर पानी की आवक ही हो पाई है। इस वर्ष आए पानी से 4 महीने तक प्यास बुझाई जा सकती है। अब बांध में पानी की आवक की संभावना नहीं है।
जानकारी के अनुसार इस वर्ष बांध के कैचमेंट एरिया से पानी की बेहद कम आवक के कारण बांध में महज 10 प्रतिशत पानी की आवक हो पाई। बांध की भराव क्षमता तो 315.50 मीटर है, मगर बांध का जलस्तर रविवार शाम तक 313.51 मीटर रहा। बांध में इस मानसून सीजन महज 0.93 मीटर पानी की आवक हुई, इस पानी से 4 महीने पानी की प्यास बुझाई जा सकती है।
जबकि गत वर्ष भारी तादाद में बहे 93.60 टीएमसी पानी से एक अनुमान के मुताबिक करीब पौने 8 साल यानी 96 महीने तक प्यास बुझ सकती थी। गत वर्ष तो यह स्थिति रही कि 63 दिन तक पानी की निकासी करने के बाद गेट बंद किए। इसके बाद भी करीब साढ़े तीन महीने तक जल स्तर 315.50 मीटर पर स्थिर रहा।
बांध में अगले वर्ष दिसंबर 2021 तक का पानी
जलदाय और सिंचाई महकमे के इंजीनियरों के अनुमान के मुताबिक गत वर्ष लंबे समय तक जलस्तर स्थिर रहने के कारण बांध का पानी कम नहीं हुआ। यही कारण रहा कि इस वर्ष बांध में पानी की कम आवक के बाद भी यह स्थिति है कि दिसंबर 2021 तक पीने का पानी उपलब्ध रहेगा। इस दरम्यान वर्ष 2021 के मानसून का पानी भी आएगा।
कैचमेंट एरिया में रही कमजोर बारिश
इस बार बांध नहीं छलकने का कारण कैचमेंट एरिया में बेहद कमजोर बारिश होना है। जानकारी के अनुसार इस बार अजमेर, चित्तौड़ और टोंक में सामान्य से कम बारिश हुई। जबकि उदयपुर और राजसमंद जिले में इतनी बारिश नहीं हुई की बांध की सहायक नदियों और बांधों से पानी बीसलपुर तक पहुंच सका।
बीसलपुर के कैचमेंट एरिया में इस वर्ष मानसून में 0.93 मीटर बारिश हुई है, इस पानी से करीब 4 महीने अजमेर, जयपुर और टोंक को पानी का पानी दिया जा सकता है। मगर बांध के जलस्तर 313.51 मीटर से दिसंबर 2021 तक पीने का पानी मिल सकेगा। गत वर्ष 93.60 टीएमसी पानी बहाया गया था, एक टीमएसी से एक महीने पानी पिया जा सकता है, यानी बहे पानी की मात्रा 8 साल के पेयजल के बराबर थी। गत वर्ष रिकॉर्ड बारिश हुई, जो बांध में अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी बारिश रही है।
रामनिवास खाती, एईएन, बीसलपुर बांध
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