जोधपुर, डॉ. बीआर अंबेडकर अध्ययन केन्द्र जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के अवसर लोकतंत्र एवं महिला अधिकार विषय पर विचार गोष्ठी एवं कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। इस संबंध में अध्ययन केन्द्र के निदेशक डॉ. भरत कुमार ने बताया कि कुलपित प्रो. प्रवीण चन्द्र त्रिवेदी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यशाला की मुख्य वक्ता 6 बार सांसद रही पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व मानव संसाधन मंत्री-भारत सरकार मारग्रेट अल्वा होंगी। मारग्रेट अल्वा राजस्थान, गुजरात, गोवा और उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं तथा केन्द्र सरकार में बतौर के बीनेट मंत्री मानव संसाधन मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय, युवा-खेल मंत्रालय, महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय का दायित्व निभा चुकी हैं। उपरोक्त कार्यशाला का आयोजन फेमी फर्स्ट फाउडेंशन के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है। उपरोक्त संगठन राजनै
तिक महिला प्रतिनिधियों के साथ कार्य करता है। फाउडेंशन की कार्यशालाओं में अब तक भारत,मैक्सिको,रोमानिया, आस्ट्रेलिया आदि राष्ट्रों के सासंदों ने भाग लिया है। फाउंडेशन का पंचायती राज एवं विधानसभा स्तर की जनप्रतिनिधियों के साथ यह प्रथम आयोजन हो रहा है। अध्ययन केन्द्र के निदेशक डॉ. भरत कुमार ने बताया कि कार्यशाला पोस्टर का विमोचन कुलपति प्रो. पीसी त्रिवेदी, प्रो. डूंगर सिंह खींची, प्रो. कांता कटारिया, प्रो. केएल रैगर, प्रो. श्रवण कुमार मीणा, डॉ. मदन मोहन, रजिस्ट्रार, वित्तीय अधिकारी एवं शिक्षक सदस्य डॉ. आशीष माथुर, मांगु राम, अशोक कुमार, अमित मीणा आदि द्वारा किया गया। लोकतंत्र एवं महिला अधिकार विषय पर आयोजित इस कार्यशाला एवं पैनल चर्चा में लोकतंत्र में सरपंच से सासंद तक शिरकत कर चुकी महिला जनप्रतिनिधि भाग लेंगी जिसमें प्रमुख रुप से जोधपुर शहर विधायक मनीषा पंवार, जैसलमेर जिला प्रमुख अंजना धनदे, पूर्व प्रधान गीता मेघवाल एवं शोभा सोलंकी, प्रथम छात्रा के रुप में छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर विजयी कांता ग्वाला तथा अन्य जन प्रतिनिधियों के साथ उपरोक्त कार्यशाला का वेब संस्करण भी संचालित किया जाएगा। गौरतलब है कि अंबेडकर अध्ययन केन्द्र को डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125 वीं. वर्षगांठ पर पूर्व कुलपति आरपी सिंह द्वारा बंद कर दिया गया था। 6 साल बंद रहने के पश्चात इस केन्द्र को इसी वर्ष वर्तमान सरकार तथा विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा पुन: प्रारंभ किया गया। इस अध्ययन केन्द्र के तहत आयोजित अंतिम संगोष्ठी भी जयनारायण विश्वविद्यालय की पूर्व कुलाधिपति मारग्रेट अल्वा के रहते ही आयोजित हुई थी।