बनेठा. सरकार ने पशुपालकों की सुविधा व बीमार पशुओं की देखरेख के लिए विगत वर्षों में पशु केन्द्र खोलने की घोषणा तो दी हैं, लेकिन उसके बाद कई साल बीत जाने के बाद न तो भवनों का निर्माण हुआ है और ना ही कर्मचारियों की नियुक्ति हुईहै, जिससे पशुओं का उपचार नहीं हो पा रहा है, वहीं पशु पालकों को आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ रहा है।
हालात यह है कि उनियारा ब्लॉक में ही कुल स्वीकृत पदों में से आधे से ज्यादा पद काफी समय से रिक्त चल रहे है।
ब्लॉक मे स्वीकृत 10 पशु उपकेन्द्रों में से एक में भवन नहीं हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में कर्मचारियों के अभाव में पशुपालको को महंगे दामों पर पशुओं का उपचार करवाना पड़ रहा है।
वहीं कई बार तो चिकित्सकों को बुलाने पर भी समय पर नहीं पहुंचते है, जिसमें कि पशु उपचार के अभाव में दम तोड़ देते है। वहीं कई पशुपालकों को किराए के साधन से 15-20 किलोमीटर दूर उनियारा अस्पताल जाकर अपने पशुओं का उपचार करवाना पड़ता है।
उनियारा ब्लॉक में उनियारा, अलीगढ़ व बनेठा में प्रथम श्रेणी पशु चिकित्सालय, ककोड़, मोहम्मदगढ़, पचाला, देवली, सोप में पशु चिकित्सालय, पलाई में पशु औषधालय व फुलेता, सूंथड़ा, ढिकोलिया, बालापुरा, कुण्डेर, चौरू, बालीथल, सुरेली, मोहम्मदपुरा, हैदरीरपुरा में पशु उपकेन्द्र संचालित है।
बालापुरा, फुलेता, सूंथड़ा, कुण्डेर, मोहम्मदपुरा, बालीथल, ढिकोलिया,सुरेली व हैदरीपुरा में विभाग के भवन नहीं हैं।
फूलेता, बालापुरा, कुण्डेर में दो वर्ष पहले जमीन का आंवटन हो चुका हैं तथा भवन निर्माण की स्वीकृति के लिए विभाग को प्रस्ताव भिजवाया जा चुका है, लेकिन अब तक स्वीकृति जारी नहीं होने से ये केन्द्र ग्राम पंचायत के या सामुदायिक भवनों या फिर अन्य भवनों में संचालित हो रहे है।
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