सरकार ने 7 सितंबर से मंदिर खोलने की गाइडलाइन जारी कर दी, लेकिन शहर के बड़े मंदिर अब भी दर्शनार्थियों के लिए बंद ही रहेंगे। काेराेना संक्रमण और साेशल डिस्टेंसिंग की पालना कराने में असमर्थता जताते हुए कुछ मंदिराें के प्रबंधन ने श्राद्ध के बाद मंदिर खाेलने ताे कुछ ने पूरे सितंबर माह में पट बंद रखने की बात कही है।
माेती डूंगरी गणेश मंदिर
श्राद्ध के बाद 18 सितंबर से किए जा सकेंगे दर्शन
महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि कोरोना के कारण मंदिर के पट 5 माह से बंद हैं। अब श्राद्ध के बाद 18 सितंबर को पंचामृत अभिषेक के बाद सुबह 7 से मंदिर के पट भक्तजनों के लिए खुलेंगे। अभी मंदिर परिसर खाेलने के लिए राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों की पालना की तैयारियां की जा रही हैं। मंदिर परिसर में 6 फीट की दूरी में गोले बनाए गए हैं। आयुर्वेदिक रजत भस्म से सेनिटाइजेशन किया जा रहा है।
गोविन्ददेवजी मंदिर
प्रशासन से सहयोग मांगा, 30 तक नहीं खोलेंगे
मंदिर प्रवक्ता मानस गोस्वामी ने बताया कि काेराेना के बीच मंदिर खाेलने के लिए जिला प्रशासन से सहयाेग मांगा है। इसके लिए बुधवार काे भी पत्र लिखा गया, लेकिन शाम तक तो कोई जवाब आया नहीं। मंदिर प्रशासन के पास इतना स्टाफ नहीं है कि भक्तों से कोरोना गाइडलाइन की पालना कराई जा सके। इसलिए प्रशासन से सहयोग मांग रहे हैं। अगर कोई सहयोग नहीं मिला तो 30 सितंबर तक तो भक्तों के लिए मंदिर बंद ही रहेगा।
गलतापीठ मंदिर 7 सितंबर से नहीं कर पाएंगे दर्शन
मंदिर प्रबंधन ने काेराेना में श्रद्धालुओं के आगमन काे देखते हुए प्रशासन से सहयोग मांगा है। अभी 7 सितंबर से मंदिर नहीं खाेला जाएगा। प्रशासन से सहयोग मिला तो 18 सितंबर के बाद मंदिर खाेलने पर फैसला होगा।
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