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गुरुवार, 24 सितंबर 2020

कोटा में इस बार नहीं दिखेंगे ऊंचे रावण, केवल परंपरा निभाई जाएगी, रामलीला मंचन भी नहीं होगा

हमारे देश में त्योहार उत्साह से मनाए जाते हैं, लेकिन इस बार काेराेना के कारण सभी त्योहार फीके हो गए हैं। लोग त्योहार तो मना रहे हैं, लेकिन उत्साह नजर नहीं आ रहा है। अब दशहरा आने वाला है। दशहरे में हर साल कोटा शहर में 4 स्थानों पर 72 से 101 फीट ऊंचे रावण के पुतलों का दहन होता है। दशहरा मैदान में लाखों की भीड़ जमा होती है, लेकिन इस बार काेरोना ने रावण के पुतलाें काे भी छाेटा कर दिया।

इसी तरह 4 स्थानाें पर रामलीला और 4 मंदिराें में रामकथा का आयाेजन हाेता था। इस बार काेराेना संकट के चलते प्रदेश में 31 अक्टूबर तक धारा 144 लगी हुई है। किसी भी तरह के आयाेजन और भीड़ जुटाने वाले कार्यकमाें पर राेक लगाई जा चुकी है। ऐसे में इस वर्ष काेटा सहित देश-विदेश के सैलानियाें काे ऊंचे-ऊंचे रावण के पुतले देखने काे नहीं मिलेंगे। यही नहीं एक भी स्थान पर रामलीला और रामकथा भी नहीं हाेगी।

इन चाराें स्थानों पर रावण दहन ताे हाेगा, लेकिन वाे केवल परंपराओं के निर्वहन के लिए औपचारिकतापूर्वक हाेगा। नगर निगम सहित डीसीएम, रेलवे ग्राउंड, श्रीनाथपुरम चारों के आयाेजकाें का कहना है कि इस बार काेराेना काे देखते हुए पहले जैसा आयाेजन ताे नहीं किया जाएगा, लेकिन शासन-प्रशासन से जितनी परमिशन मिल जाएगी। उसके अनुसार 10 से 20 फीट का रावण का पुतला बनाकर दहन किया जाएगा।
दशहरा मैदान : सबसे ऊंचा 101 फीट का रावण दहन किया जाता था
पिछले 126 वर्षाें से शहर का सबसे बड़ा आयाेजन नगर निगम की तरफ से दशहरा मैदान में हाेता है। जहां राजसी परंपराओं के तहत रावण का वध और दहन किया जाता है। इसके साथ ही शहर में निगम की तरफ से 4 स्थानाें पर रामलीला व रामकथाएं हाेती थी। पहले यहां 72 फीट का रावण बनता था। जब मेले काे 125 वर्ष हुए ताे रावण के पुतले का कद बढ़ाकर 101 फीट किया गया था।

इस बार काेराेना संकट के चलते न ताे इतना ऊंचा रावण का पुतला बनेगा न रामलीला हाेगी न रामकथाएं हाेगी। दक्षिण नगर निगम आयुक्त कीर्ति राठाैड़ के अनुसार इस बार पुतले की साइज ताे तय नहीं किया है, लेकिन ये 10 से 20 फीट के बीच का हाेगा। रामलीला नहीं हाेगी ताे रामबारात, भरत मिलाप की शाेभायात्राएं भी नहीं हाेगी। सरकार से गाइड लाइन मांगी गई थी, उन्हाेंने काेराेना प्राेटाेकाॅल व गाइड लाइन की पालना के अनुसार कार्य करने काे कहा है। ऐसे में केवल प्रतीकात्मक रावण दहन किया जाएगा।

श्रीनाथपुरम : प्रशासन की अनुमति के अनुसार करेंगे कार्यक्रम
नए काेटा क्षेत्र में भी पिछले 20 वर्षाें से रामलीला और रावण दहन के कार्यक्रम हाे रहे हैं। इस क्षेत्र में सबसे बड़ा रावण दहन श्रीनाथपुरम में भागीरथ जन सेवा संस्थान द्वारा किया जाता है। संस्थान के अध्यक्ष प्रेम सुमन बताते हैं कि यहां पर 72 फीट ऊंचा रावण का पुतला बनाया जाता था।

इस आयाेजन काे लेकर एक माह पहले से ही तैयारियां शुरू हाे जाती थी, लेकिन इस बार काेराेना के कारण कुछ भी तय नहीं हाे पा रहा है। परंपरा शुरू की है ताे इस बार केवल सांकेतिक रूप से 10-15 फीट का पुतला बनाकर दहन किया जाएगा। फिर जैसी प्रशासन की परमिशन हाेगी, वैसा कर लेंगे।

रेलवे ग्राउंड : 44 साल में दूसरी बार संकट आया रावण दहन पर

रेलवे स्टेशन से लेकर पटरी पार क्षेत्र का सबसे बड़ा आयाेजन रेलवे ग्राउंड में हाेता है। यह आयाेजन शिवमंडल विकास समिति द्वारा पिछले 44 साल से किया जा रहा है। वर्ष 1975 में यहां रामलीला शुरू हुई थी और वर्ष 1976 से रावण दहन किया जा रहा है। यहां भी 72 फीट ऊंचा का रावण पुतला बनाया जाता है। विकास समिति के अध्यक्ष प्रतापभान सिंह का कहना है कि इतने वर्षों में रावण दहन पर ये दूसरी बार संकट आया है।

इससे पहले वर्ष 1992 में जब कर्फ्यू लगा था, तब प्रशासन ने जगह-जगह रावण दहन की परमिशन नहीं दी थी। सभी जगह के रावण के पुतले दशहरे मैदान में मंगवाकर वहां एक साथ दहन किया गया था। उसके बाद अब काेराेना संक्रमण के कारण संकट आया है। इस बार भी केवल प्रतीकात्मक रूप से 15 से 20 फीट का रावण का पुतला बनाकर दहन परंपरा का निर्वहन किया जाएगा। रामलीला का आयाेजन नहीं किया जाएगा। कोरोनो के चलते सरकार की गाइडलाइन का पालना किया जाएगा।
डीसीएम : रामलीला नहीं हाेगी, अनुमति मिली तो होगा रावण दहन

औद्याेगिक क्षेत्र का सबसे बड़ा आयाेजन डीसीएम में हाेता है। यहां पर पिछले करीब 50 वर्षाें से रामलीला और 72 फीट के रावण के पुतले का दहन का कार्यक्रम हाेता आया है। यहां के कर्मचारी और अधिकारी 1 महीने पहले से ही इसकी तैयारियां शुरू कर देते थे। रामलीला के पात्र रिहर्सल करना शुरू कर देते थे ताे रावण के पुतले बनाने वाले इसे औकार देने में जुट जाते थे।

इस बार काेराेना संकट में न रिहर्सल शुरू हाे पाई न ही अब तक पुतले बनने लगे। आयाेजकाें का कहना है कि अभी तक इस संबंध में कुछ तय नहीं किया जा सका, लेकिन रामलीला ताे नहीं हाेगी। रावण दहन भी हाेना मुश्किल लग रहा है। प्रशासन परमिशन देगा रावण दहन किया जाएगा।



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फाइल फोटो