विशिष्ठ न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण मामलात गणेश कुमार ने वर्ष 2012 में तिजारा थाने में परिवादी से संबंधित प्रकरणों में एफआर व चालान देने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोपी तिजारा थाने के तत्कालीन कांस्टेबल राजगढ़ तहसील के परवैणी निवासी भागचंद पुत्र रामजीवन मीणा को 2 वर्ष के कारावास व 20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
इस मामले के दूसरे आरोपी कोटपूतली थाना क्षेत्र के गोपालपुरा निवासी तिजारा थाने के तत्कालीन एसआई मामचंद पुत्र गणपतराम की मृत्यु हो जाने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई ड्रॉप कर दी गई है। विशिष्ठ लोक अभियोजक एसीबी अशोक भारद्वाज ने बताया कि 18 फरवरी 2012 को एसीबी चौकी पर तिजारा के बेरला निवासी मंगासिंह ने अपने खिलाफ दर्ज एक मामले में जांच अधिकारी एसआई मामचंद द्वारा रुपयों की मांग करने की शिकायत दी थी।
एसीबी द्वारा कराए गए सत्यापन के दौरान 12 हजार रुपए की रिश्वत मांगने की बात सामने आई। कांस्टेबल भागचंद ने मंगासिंह से 10 हजार रुपए लेकर एसआई मामचंद को दिए थे। दोनों आरोपियों के विरुद्ध अदालत में चालान पेश किया गया। सुनवाई के दौरान सब इंस्पेक्टर मामचंद की मृत्यु हाने से उनके विरुद्ध कार्रवाई ड्रॉप कर दी गई तथा तत्कालीन कांस्टेबल भागचंद को रिश्वत लेने के मामले में दोषी मानते यह सजा सुनाई गई है।
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