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रविवार, 27 सितंबर 2020

आईसीयू में भर्ती वृद्धा की सांसें उखड़ने लगी तो बहू ऑक्सीजन के लिए चिल्लाई, कर्मी बोला-अभी आधा घंटा लगेगा और फिर मौत

कोविड हॉस्पिटल के आईसीयू में भर्ती सास को बचाने के लिए बहू जोर-जोर से ऑक्सीजन के लिए चिल्लाती रही। इधर-उधर दौड़कर डॉक्टर और कर्मचारियों को आवाज लगाती रही। एक कर्मचारी ने आधे घंटे रुकने को कहा। देखते देखते सास हाजन बनो की सांसें उखड़ गईं। पीबीएम के कोविड हॉस्पिटल में स्टाफ की लापरवाही से एक और कोरोना रोगी की जान चली गई।

मृतका हाजन बानो के पुत्र उस्मान और उसकी पत्नी ने आरोप लगाया कि बार-बार कहने के बाद भी ऑक्सीजन की सप्लाई समय पर शुरू नहीं की गई। इससे आसपास के रोगियों की भी सांसें उखड़ने लगी थी। हमने शोर मचाया तो आधे घंटे बाद डॉक्टर आए। लेकिन तब तक हाजन बानो की मौत हो गई। मृतका की पुत्रवधु महजबी परवीन ने बताया कि ऑक्सीजन की सप्लाई बार-बार कम होने से मरीज चिल्लाने लगते हैं।

यहां कोई नहीं सुनता। एक कर्मचारी को कहा तो उसने आधे घंटे में ऑक्सीजन सामान्य होने की बात कही। महिला ने आरोप लगाया कि स्टाफ की लापरवाही से उसकी सास की जान चली गई। उधर, डॉक्टरों का कहना है कि ऑक्सीजन की सप्लाई शाॅर्ट है। मौत की भी पुष्टि की। लेकिन इस घटना से अनभिज्ञता जाहिर कर दी। वहीं, प्रिंसिपल ने गैरजिम्मेदाराना जवाब देते कहा-सब ठीक है।

भयावहता यूं समझिए, कोविड हॉस्पिटल में 218 मरीज, 80 ऑक्सीजन पर

कोविड हॉस्पिटल मैं इस वक्त करीब 218 मरीज भर्ती हैं। इनमें से लगभग 80 मरीज ऑक्सीजन पर हैं। इन मरीजों की स्थिति गंभीर है। ऑक्सीजन की सप्लाई सेंट्रल ऑक्सीजन प्लांट से होती है, जहां 15 से 20 सिलेंडर एक साथ चलते हैं। प्रेशर कम होने पर रोगियों की जान पर बन आती है।

कोविड हॉस्पिटल से लाइव: पेशेंट ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं

मृतका के बेटे उस्मान ने कहा- ऑक्सीजन का लेवल 90 से एकदम 20% रह गया था। मम्मी तड़पने लगी। थोड़ा तो ध्यान दें। पेशेंट ऑक्सीजन की कमी से मर रहे हैं। ऑक्सीजन वाले सप्लायर से कहें कि आईसीयू में रहकर देखें। ऑक्सीजन बिना मरीजों की क्या हालत हो जाती है। जल बिन मछली जैसे तड़पते हैं। जब वो चीख पुकार सुनेंगे तो अहसास होगा। सप्लाई कम हो गई तो पूर्ति करके रखो। हमें बाद में जरूरत पड़ेगी। पास वाले भैया की हालत खराब हो जाती है। जब वो इंसानों की चीख पुकार सुनेंगे तो एहसास हो जाएगा। स्टाफ कोरोना के डर से देरी से आता है। मम्मी के सांस में तकलीफ होने पर बुधवार को पीबीएम में भर्ती कराया था। गुरुवार रात कोविड अस्पताल में शिफ्ट किया था।

डिमांड ज्यादा-पूर्ति कम.. 500 सिलेंडर चाहिए, मिल रहे 400

पीबीएम हॉस्पिटल के कोविड हॉस्पिटल, सर्जरी, मेडिसिन सहित सभी आईसीयू में भर्ती रोगियों के लिए रोजाना 500 ऑक्सीजन सिलेंडर चाहिए, जबकि ठेकेदार फर्म करीब 400 ही सप्लाई कर रही है। ऑक्सीजन सप्लाई के नोडल प्रभारी डॉक्टर राजेन्द्र सौगत ने पीबीएम अधीक्षक को हाल ही में पत्र लिखकर हालात की जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि सप्लाई की फर्म जगदम्बा एजेंसी मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं कर पा रही। इसलिए अन्य एजेंसी से सम्पर्क किया जाए। इस पत्र के बाद पीबीएम प्रशासन के हाथ पैर फूल गए हैं। मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉक्टर शैतान सिंह राठौड़ ने शनिवार शाम सभी विभागाध्यक्ष की मीटिंग बुला चर्चा की है। फर्म के प्रतिनिधि को भी आपूर्ति बढ़ाने को कहा।

24 घंटे में लग रहे 250 सिलेंडर

ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी के कारण कोविड हॉस्पिटल में हालात बेकाबू होने लगे हैं। एक सिलेंडर 4 मिनट में खत्म हो रहा है। प्लांट में 15 से 20 सिलेंडर एक साथ लगाए जाते हैं। चौबीस घण्टे में करीब ढाई सौ सिलेंडर लग जाते हैं। इसके अलावा अन्य विभागों के आइसीयू में भी ऑक्सीजन की जरूरत रहती है। मेडिसिन के डी वार्ड में भी काफी मरीज ऑक्सीजन पर हैं। वहां कोरोना सस्पेक्टेड रोगियों को रखा हुआ है। इसके अलावा प्राइवेट हॉस्पिटल में भी ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही है। कोरोना रोगी घरों पर भी इलाज ले रहे हैं। वहां भी ऑक्सीजन जा रही है। डॉक्टरों का मानना है कि यही हाल रहे तो नवंबर, दिसंबर में एक हजार सिलेंडरों की जरूरत अकेले पीबीएम में पड़ेगी।

इधर, कोविड हॉस्पिटल में मौत का ऑडियो वायरल

कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से मरीज का ऑडियो वायरल हुआ है। ऑडियो में पिता बेटे को बता रहा है कि उसकी तबीयत खराब हो रही है। लेकिन कोई डॉक्टर संभाल नहीं रहा। जोशीवाड़ा निवासी रमेश जोशी को कोविड हॉस्पिटल में भर्ती कराया था। शनिवार सुबह मौत हो गई। आईसीयू में मुश्किल से बेड मिला। उन्होंने बेटे भूषण को फोन करके बताया कि तबीयत खराब हो रही है, कोई डॉक्टर नहीं है। तब सुबह 6 बजे डॉक्टर ने देखा। वेंटिलेटर पर लिया। लेकिन बच नहीं सके। भूषण ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

ज्यादा से ज्यादा सिलेंडरों की आपूर्ति करने को कहा

ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी है। अतिरिक्त आपूर्ति को लेकर प्रिंसिपल ने सभी विभागों के एचओडी की मीटिंग ली है। फर्म को भी कहा है कि वह ज्यादा से ज्यादा सिलेंडरों की आपूर्ति करे।
-डॉ. गुंजन सोनी, कार्यवाहक अधीक्षक, पीबीएम

सब ठीक है, व्यवस्था में लगे हैं

इधर, प्रिंसिपल का गैर जिम्मेदाराना जवाब-सब ठीक है। हम सिलेंडरों की अतिरिक्त व्यवस्था में लगे हैं।

डॉ. शैतान सिंह राठौड़, प्रिंसिपल, मेडिकल कॉलेज



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मृतका का बेटा उस्मान ।