सांसद सुमेधानंद ने मंगलवार को लोकसभा में किसानों के मुद्दों पर आवाज उठाई। सांसद ने कहा कि किसान बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेता है। वह ऋण अधिकतर किसानों का तीन लाख से 10 लाख के बीच होता है।
किसान ऋण हर साल मूल रकम के साथ ब्याज सहित जमा कराता है। बैंक किसान को एक-दो दिन में वापस मूल रकम दे देता है, लेकिन इतनी बड़ी राशि की व्यवस्था किसान द्वारा एक साथ नहीं हो पाती है।
इससे किसान अपना ऋण समय पर जमा नहीं करा पाता है। उसे जमा कराने के लिए साहूकारों से मोटे ब्याज पर उधार लेना पड़ता है। सांसद ने कृषि मंत्री से मांग कि किसानों से किसान क्रेडिट कार्ड ऋण पर बैंकों द्वारा प्रतिवर्ष केवल ब्याज ही लिया जाए। इससे किसान साहूकारों के चंगुल से भी बच पाएगा एवं उसका अकाउंट एनपीए भी नहीं होगा।
इसके अलावा सांसद ने कृषि मंत्री से मांग की कि उनके लोकसभा क्षेत्र में आलू, प्याज, टमाटर आदि सब्जियों का उत्पादन बहुतायत में होता है, लेकिन किसानों के पास प्याज, टमाटर, आलू को लंबे समय तक सुरक्षित रखने की कोई व्यवस्था नहीं होती है। इससे किसान उस उत्पादन को कम भाव में बेचने पर मजबूर होता है। लिहाजा सीकर में आलू और प्याज भंडारण की सुविधा दी जाए।
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