(मीनाक्षी राठाैड़) कैश क्रंच का फायदा उठाकर साइबर ठग सोशल मीडिया के जरिए लोगों को चूना लगा रहे हैं। अलग-अलग तरह के प्राइवेट बैंकों के क्रेडिट कार्ड बनवाने को लेकर सोशल मीडिया पर इन दिनों स्पॉन्सर्ड ऐड चल रहे हैं। इस विज्ञापन में यह दावा किया जा रहा है कि क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पेट्रोल/डीजल की खरीद पर 15 फीसदी की छूट और अन्य ऑनलाइन शॉपिंग पर 12 फीसदी की छूट मिलेगी। यह भी दावा किया जा रहा है कि नए कार्ड पर एक्टिवेशन के दिन से प्रति माह 4 मूवी टिकट मुफ्त में मिलेंगे।
साइबर एक्सपोर्ट आयुष भारद्वाज बताते हैं कि साइबर अपराधी बैंकों के फेसबुक पेज का बिल्कुल एक जैसा क्लोन पेज बना रहे हैं। इसके साथ ही पोस्ट स्पॉन्सर्ड ऐड के माध्यम से लोगों तक पहुचाते हैं। ये पेज देखने में में बिल्कुल प्राइवेट बैंक के पेज जैसा होता है। फिर यूजर को कॉल करने के लिए नंबर दिया जाता है। वहां बात होने के बाद व्हाट्सएप पर उसकी डिटेल्स जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड और फोटो मांगी जाती है।
उसके बाद व्यक्ति को साइनअप बोनस के नाम पर कुछ रुपये उसके खाते में डालने का झांसा दिया जाता है, इसके लिए बाकायदा एक क्यूआर कोड व्हाट्सएप पर भेजा जाता है और कहा जाता है कि कोड को अपनी यूपीआई एप से स्कैन करें, यूजर जैसे ही स्कैन करता है, उसके खाते में पैसे आने की बजाए उल्टे कट जाते हैं। इसलिए समझदारी इसी में है कि यदि जरूरत है तो सीधे बैंक जाकर क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई करें और बैंक की गाइडलाइन समझें।
फर्जी आईडी पर एक्टिव होते हैं
ठगी के लिए उपयोग में आ रहे ज्यादातर बैंक एकाउंट निजी बैंकों द्वारा ऑनलाइन बैंक अकाउंट खोलने वाली स्कीम के होते हैं। ट्रांसक्शन लिमिट 2 लाख रुपए तक होती है। इसे आधार नंबर और थम्ब इम्प्रेसशन पे आसानी से खोला जा सकता है। सिम भी फेक ईकेवाईसी के माध्यम से एक्टिवेट होती है।
सारी डिटेल ठीक उसी तरह से डाली जाती है जैसे असली क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई में। आकर्षक ऑफर का दावा फेसबुक पर बेहद चलन में है। ऐसे लोग टारगेट हैं जिन्होंने कभी ना कभी पूर्व में क्रेडिट कार्ड से जुड़ा कोई सर्च गूगल पर किया हो, या फिर क्रेडिट कार्ड बनवाने की जगह तलाश रहे हों।
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