राजस्थान यूनिवर्सिटी में 5 महीने पहले 147 असिस्टेंट एवं एसोसिएट प्रोफेसर का 2 साल का प्रोबेशन पूरा किए जाने के बावजूद फिर भी उन्हें स्थायीकरण नहीं किया गया है। यही वजह है कि शिक्षक पिछले कई दिनों से आरयू में धरना दे रहे हैं। शिक्षकों की मांग है कि उनका स्थायीकरण किया जाए। दूसरी ओर यूनिवर्सिटी की सिंडिकेट ने तीन सदस्यों की कमेटी बनाई है, जो भर्ती से संबंधित डॉक्युमेंट्स की जांच करेगी। रजिस्ट्रार ने कहा है कि राजभवन से दिशा-निर्देश मांगें गए हैं उसके बाद ही कुछ हो सकेगा।
यह था मामला
यूनिवर्सिटी में मई 2018 में भर्तियां हुई थी। सीधी भर्ती से 147 असिस्टेंट व एसोसिएट प्रोफेसर भर्ती हुए थे। 2 साल बाद इनका प्रोबेशन पीरियड पूरा हो गया। अब करीब 5 महीने बीतने के बाद भी यूनिवर्सिटी ने इनका स्थायीकरण नही किया है। जबकि सभी विभागों ने कंफर्मेशन रिपोर्ट भेज दी है।
यह है कारण
यूनिवर्सिटी में पिछले कुलपति के कार्यकाल में वित्तीय और शैक्षणिक व अशैक्षणिक भर्ती संबंधी अनियमितताओं की शिकायतों की जांच राजभवन द्वारा संभागीय आयुक्त से कराई गई थी। कमेटी ने रिपोर्ट राजभवन को सौंप दी। राजभवन ने इस संबंध में शिक्षा विभाग व आरयू की सिंडिकेट को फाइल भेजी। लेकिन जांच के बाद कोई एक्शन नही हुआ। इन सबके बीच स्थायीकरण का मामला अटका हुआ है।
- प्रोबेशन का समय पूरा हुए 5 महीने हो गए। सभी विभागों ने कंफर्मेशन रिपोर्ट भेज दी। अगर गड़बड़ी थी तो यूनिवर्सिटी इतने समय में जांच करवा लेती। अब शिक्षकों को परेशानी में डाला जा रहा है। - डॉ. बिन्दू जैन, वाइस प्रेसिडेंट, रूटा
- भर्ती के संबंध में हमसे एसीबी ने भी रिकॉर्ड मांगा था। वहीं राजभवन ने भी कमेटी बनाने के लिए कहा था। अब हमने राजभवन को क्लीयरेंस के लिए निवेदन किया है। अंतिम दिशा निर्देश राजभवन से ही मिलेंगे। वहां से निर्देश मिलते ही काम होगा। यह बात शिक्षकों को समझा दी गई थी। - हरफूल सिंह यादव, रजिस्ट्रार
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