दिल्ली के एक शातिर ठग ने बीकानेर के जाैहरियाें काे ज्यादा मुनाफे का लालच दिया और झांसा देकर उनसे कराेड़ाें रुपए के जेवरात हड़प लिए। उसके खिलाफ मुकदमे दर्ज हाेने पर पुलिस ने गिरफ्तार किया, लेकिन माल बरामद नहीं हुआ। अब ठग ताे जमानत पर जेल से बाहर आकर खुलेआम घूम रहा है और उसका शिकार बने ज्यादातर जाैहरी गैरकानूनी तरीके से व्यापार करने के कारण बाेल भी नहीं पा रहे हैं। दिल्ली में मयूर विहार काॅलाेनी के पंजाबी साैदागर अपार्टमेंट निवासी माेहम्मद राशिद ने दाे साल पहले दलालाें के जरिये बीकानेर के जाैहरियाें का विश्वास जीता। शुरू में 6 माह तक उनसे जेवरात खरीदे और समय पर भुगतान किया। फिर प्लानिंग के मुताबिक रानीबाजार पट्टीपेड़ा निवासी सगे भाई माजिद-साजिद के जरिये दिल्ली में ज्वैलरी की प्रदशर्नी का प्रचार-प्रसार करवाकर जाैहरियाें काे गुमराह किया।
बड़े जाैहरियाें से मिलकर प्रदशर्नी और विदेशाें तक माल बिकवाने का झांसा देकर कराेड़ाें का साेना, डायमंड, पाेलकी, मीना, कुंदन, माेती और अन्य जेवरात लेकर हड़प लिए। न ताे भुगतान किया और न ही जेवरात वापस लाैटाए। परेशान जाैहरी दिल्ली में राशिद के घर पहुंचे ताे वाे फरार हाे गया। ज्यादातर जाैहरियाें ने कच्ची रसीद पर गैरकानूनी तरीके से लेनदेन किया था, इसलिए बड़ा नुकसान झेलकर भी बाेल नहीं पाए। लेकिन, कुछ जाैहरियाें ने पीड़ा पुलिस काे बताई। काेटगेट और नयाशहर थानाें में चार मुकदमे दर्ज करवाए।
पुलिस ने छानबीन की ताे सामने आया कि राशिद ने बीकानेर ही नहीं, जयपुर-सरदारशहर के जाैहरियाें से भी ठगी की है। उसने ज्यादातर माल दिल्ली में व्यापारी ऋषभ जैन काे बेचा। उससे मिली रकम अय्याशी में उड़ा दी। पुलिस ने चाराें मुकदमाें में राशिद काे गिरफ्तार किया, लेकिन मात्र 13 लाख रुपए की ही बरामदगी हाे सकी। उसकी निशानदेही पर ऋषभ जैन भी गिरफ्तार हुआ जाे न्यायिक हिरासत में है। जाैहरियाें का माल वापस नहीं मिला, लेकिन राशिद ने जमानत करवा ली और जेल से बाहर घूम रहा है।
चार मुकदमे दर्ज हुए, चाराें में चालान पेश
ठगे गए बीकानेर के जाैहरियाें ने काेटगेट थाने में तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज करवाए। पहला मुकदमा छह फरवरी, 19 काे बीदासर बारी निवासी बजरंग साेनी और हनुमानहत्था निवासी जगदीश साेनी ने इस्तगासे के जरिये दर्ज करवाया। करीब 1.40 कराेड़ रुपए के जेवरात हड़पने का आराेप राशिद पर लगाया। दूसरा मुकदमा 2 मार्च, 19 काे गाेपेश्वर बस्ती निवासी सलीम अली व अन्य ने इस्तगासे से दर्ज करवाया। राशिद व ऋषभ पर 40 लाख रुपए का माल हड़पने का आराेप लगाया। तीसरा मुकदमा 2 जुलाई, 19 काे गाेगागेट स्थित मालियाें का माेहल्ला निवासी मनदीप साेनी की ओर से दर्ज करवाया गया, जिसमें 72.40 लाख रुपए का माल हड़पने का आराेप लगा। पुलिस ने इसमें करीब 13 लाख रुपए की बरामदगी की है। तीनाें मुकदमाें में राशिद और ऋषभ की गिरफ्तारी कर काेर्ट में चालान पेश किया जा चुका है। वहीं, पारीक चाैक निवासी दिलीप साेनी ने 5 फरवरी, 19 काे नयाशहर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया। राशिद पर 65.55 लाख रुपए के जेवरात हड़पने और धमकी देने का आराेप लगाया गया।
मुकदमाें से दलालाें के नाम निकाले: दर्ज किए गए चाराें मुकदमाें में परिवादियाें ने आराेप लगाया है कि ठग राशिद काे दलाल माजिद-साजिद लेकर आए। उन्हाेंने ही बीकानेर के जाैहरियाें काे विश्वास दिलाकर राशिद से मिलवाया। जेवरात दिखाए और दिलवाए। दिल्ली भी ले गए। लेकिन, चाराें मुकदमाें में पुलिस ने दलालाें काे मुल्जिम नहीं माना। पुलिस जांच में बताया गया कि उनके खिलाफ आराेप प्रमाणित नहीं है।
काेटगेट एसएचओ धरम पूनिया से सीधी बात
Q| ठगी के इतने बड़े मामले में बरामदगी क्याें नहीं हुई?
A| राशिद ने माल बेचकर रुपए लिए और खुर्दबुर्द कर दिए। खरीदार माल आगे से आगे बेचते गए।
Q| राशिद का ठगी करने का तरीका क्या था?
A| पहली बार में कीमत से ज्यादा भुगतान देकर विश्वास जीता। फिर जाैहरियाें से माल इकट्ठा किया और फरार हाे गया।
Q| क्या जाैहरियाें ने लेनदेन लीगल तरीके से किया था?
A| बिल्कुल गैरकानूनी लेनदेन था, इसीलिए ज्यादातर जाैहरियाें ने मुकदमा ही दर्ज नहीं करवाए।
बीकानेर के सर्राफा व्यापारियाें का कराेड़ाें का माल ठगे जाने का यह बड़ा मामला है। आरोपियों की गिरफ्तारी ताे हुई, लेकिन माल बरामद नहीं हुअा। पुलिस काे माल बरामदगी करनी चाहिए, ताकि नुकसान झेल रहे व्यापारियाें काे राहत मिल सके। साथ ही दाेषी काे सजा मिलनी चाहिए। सर्राफा समिति इस मामले काे लेकर मंत्री, कलेक्टर तक पहुंचेगी।
- सुनील साेनी, अध्यक्ष बीकानेर सर्राफा समिति
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