प्रदेश में तबादला अवधि समाप्त होने के बाद भी कई विभागों में अधिकारियों की मनमर्जी से हो रहे तबादलों पर सरकार ने सख्त रुख अपनाया है। इसके लिए प्रशासनिक सुधार विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि तबादला अवधि समाप्त हो चुकी है। अब अगर किसी अधिकारी ने मनमर्जी से तबादले किए तो इसको गंभीरता से लिया जाएगा। कोई भी विभाग अब एपीओ करके भी कर्मचारियों को इच्छित स्थान पर नहीं लगा सकेगा।
तबादलों पर रोक से शिक्षा विभाग के 36 हजार तबादले सहित करीब 50 हजार तबादले अटक गए हैं। प्रशासनिक सुधार विभाग ने 15 सितंबर को एक आदेश जारी कर प्रदेश में 15 सितंबर से 31 अक्टूबर तक तबादलों की छूट प्रदान की थी। अब यह अवधि समाप्त हो चुकी है।
इसके बावजूद कई विभागों में तबादले जारी थे। इसको देखते हुए मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि तबादला अवधि समाप्त हो चुकी है। इसलिए तबादले नहीं हो सकते। आदेश में अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया है कि स्थानांतरण प्रतिबंध अवधि में अगर किसी अधिकारी कर्मचारी का तबादला राज्य हित में अति आवश्यक हो तो परिस्थितियों का उल्लेख करते हुए प्रस्ताव प्रशासनिक सुधार विभाग से अनुमोदित करवाकर ही तबादला आदेश जारी किया जा सकता है। पहले बिना अनुमति के ही तबादले कर दिए जाते थे।
एपीओ के रास्ते मनचाही पोस्टिंग भी नहीं हो सकेगी
कई विभागों में कर्मचारियों को एपीओ करके मनचाही पोस्टिंग का भी खेल चल रहा है। प्रशासनिक सुधार विभाग ने इस पर भी रोक लगा दी है। विभाग ने कहा है कि कर्मचारी को एपीओ कर इच्छित स्थान पर पोस्टिंग के लिए शिथिल का प्रस्ताव भिजवाना भी प्रतिबंध की मूल भावना के खिलाफ है। इसलिए इस प्रकार के प्रस्ताव अनुमोदन के लिए प्राप्त हुए तो इसको भी गंभीरता से लेकर कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग: अटके 36 हजार तबादले
अकेले शिक्षा विभाग में ही करीब 36 हजार तबादले अटक गए हैं। विभाग ने तबादलों के लिए व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक, हैडमास्टर, प्रिंसिपल और मंत्रालयिक कर्मचारियों से ऑनलाइन आवेदन लिए थे। प्रशासनिक सुधार विभाग के आदेश के बाद अब शिक्षा विभाग में तबादले नहीं हो सकेंगे। आवेदन के बाद तबादला सूचियों का इंतजार कर रहे शिक्षकों को इस आदेश से झटका लगा है। अन्य विभागों में भी करीब 14 हजार कर्मचारी तबादलों के इंतजार में थे।
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