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शुक्रवार, 6 नवंबर 2020

इस बार रात का पारा पिछले नवंबर के पहले सप्ताह की तुलना में 6 डिग्री कम, दाे दिन से 11.6 पर स्थिर

पिछले नवंबर में इन दिनाें इस साल के मुकाबले रात का तापमान अधिक रहा था। इस बार 5 नवंबर काे उदयपुर का अधिकतम तापमान 30.6 और न्यूनतम 11.6 डिग्री रहा है जबकि पिछले साल इस दिन अधिकतम तापमान 30.2 और न्यूनतम 17.9 डिग्री रहा था। ऐसे में रात का तापमान इस दिन पिछले साल से 6.3 डिग्री अधिक रहा था।

6 नवंबर काे अधिकतम तापमान 31.0 और न्यूनतम 17.5 डिग्री रहा था। जबकि 7 नवंबर काे अधिकतम 30.2 और न्यूनतम 18.8 डिग्री, 8 नवंबर काे 28.6 और 18.2 डिग्री रहा था। पिछले साल 9 नवंबर काे अधिकतम तापमान 28.6 और न्यूनतम 20.0 डिग्री रहा था। इधर, तापमान में चल रहे उतार-चढ़ाव के बीच दाे दिन से रात का पारा 11.6 डिग्री पर स्थिर बना हुआ है।

हालांकि दिन के तापमान में बुधवार के मुकाबले 0.6 डिग्री की कमी आई है। डबाेक स्थित माैसम विभाग के कार्यालय के अनुसार गुरुवार काे अधिकतम 30.6 और रात का तापमान 11.6 डिग्री रहा। एक दिन पहले अधिकतम 31.0 डिग्री और न्यूनतम 11.6 रहा था।

9 दिन में ऐसे गिरा पारा 26 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच उतार-चढ़ाोव साथ उदयपुर का रात का तापमान 15.8 डिग्री से लुढ़कता हुआ 11.9 डिग्री तक आ गया।

संभावना : माैसम विभाग के अनुमान के अनुसार 9 नवंबर तक उदयपुर का अधिकतम तापमान 31.0 डिग्री और न्यूनतम 12.0 डिग्री रह सकता है।

बायाे पार्क में वन्यजीवाें काे बीमारियाें से बचाने के लिए होल्डिंग एरिया में किया जा रहा फायर ट्रीटमेंट
उदयपुर | सर्दी की दस्तक के साथ ही वन विभाग ने बायाेलाॅजिकल पार्क में वन्यजीवाें की देखरेख बढ़ा दी है। मांसाहारी वन्यजीवाें काे काेई वायरस अटैक या फ्लू न हाे इसके लिए हाेल्डिंग एरिया की दीवाराें और फर्श काे फायरिंग ट्रीटमेंट यानि आग से सैनिटाइज किया जा रहा है। क्याेंकि मांसाहारी वन्यजीवों में बीमारियाें का खतरा ज्यादा रहता है। इसमें तेंदुआ, टाइगर, लाॅयन, जरख, लाेमड़ी, भेड़िया आदि शामिल हैं।

डीएफओ अजित उचाेई ने बताया कि करीब पांच दिन से चल रही फायरिंग ट्रीटमेंट की प्रक्रिया शुक्रवार काे पूरी हाे जाएगी। इसके बाद सर्दी के लिहाज से वन्यजीवों के बैठने के लिए घास की व्यवस्था और डाइट में भी बदलाव किए जाएंगे। पार्क में 21 एनक्लाेजर हैं। साल में दो बार फायरिंग ट्रीटमेंट किया जाता है। इसकी जरूरत इसलिए पड़ती है क्योंकि नमी से दीवारों पर पैदा हाेने वाले कीटाणु या वायरस पर कंट्राेल हाे सके।



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सर्द शाम में पीछोला में खड़ी गणगौर बोट