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गुरुवार, 5 नवंबर 2020

असि. प्रोफेसर के 918 पदों पर प्रदेश के 40,000 अभ्यर्थी नहीं कर पाएंगे आवेदन

आरिफ कुरैशी. राजस्थान सरकार ने करीब 2 साल बाद कॉलेज शिक्षा विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के 918 पदों पर भर्ती निकाली है, लेकिन इस भर्ती में प्रदेश के करीब 40,000 अभ्यर्थी नहीं बैठ पाएंगे। वजह है, राज्य सरकार ने पिछले 7 साल यानी 2013 से कॉलेज लेक्चरर की पात्रता के लिए स्टेट एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी सेट का आयोजन नहीं किया है।

इस परीक्षा के नहीं होने से प्रदेश के बेरोजगारों को तगड़ा झटका लगा है। आरपीएससी द्वारा जारी असिस्टेंट प्रोफेसर पदों की भर्ती में नेट के अलावा स्लैट और सेट को भी शैक्षिक योग्यता में शामिल किया गया है। सेट में हर साल करीब 7,000 अभ्यर्थी पात्रता प्राप्त करते थे जिससे प्रदेश के बेरोजगारों को कॉलेज लेक्चररशिप में अपना भाग्य आजमाने का मौका मिल सकता था।

2012 व 2013 में ही 13 हजार से अधिक हुए सफल

राज्य सरकार ने पूर्व में 30 मई 2012 को 28 विषयों के लिए सेट आयोजित किया था। इसका आयोजन राजस्थान लोक सेवा आयोग के जरिए हुआ था। इसमें 7370 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए। इसके बाद 23 अक्टूबर 2013 को 28 विषयों में ही सेट का आयोजन आयोग के माध्यम से कराया गया। इस परीक्षा में 6,235 कैंडिडेट्स सफल घोषित किए गए। उसके बाद 7 वर्षों से लगातार कोई स्लेट/सेट परीक्षा आयोजित नहीं की गई। यदि हर साल यह परीक्षा होती तो 40 हजार से अधिक अभ्यर्थी और इस भर्ती के लिए पात्र होते।

स्लेट/सेट लगातार आयोजित नहीं होने के नुकसान
बॉटनी, केमिस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स, ए.बी.एस.टी., जूलॉजी, लॉ, इंग्लिश, होमसाइंस, ई.ए.एफ.एम, कृषि आदि विषयों में युवा पिछड़ जाएंगे। वजह है कि यूजीसी नेट में प्रदेश के अभ्यर्थियों को कड़े संघर्ष के बाद सफलता मिलती है। ऐसे में राजस्थान के अभ्यर्थियों का प्रतिशत कम होता है। अभ्यर्थियों का कहना है कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण में 78 व एमबीसी में 34 सीट्स हैं। नए अभ्यर्थियों को फायदा देना हो तो स्लैट/सेट का आयोजन होना चाहिए।



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2012 व 2013 में ही 13 हजार से अधिक हुए सफल