केंद्रीय वस्त्र सचिव रवि कपूर ने कहा कि केंद्र सरकार ने कोरोना संकट के दौरान इंडियन हैंडीक्राफ्ट एंड गिफ्ट वर्चुअल फेयर से हस्तशिल्प क्षेत्र को मजबूती प्रदान करने में इस संकट के दौर में राहत मिलेगी। यह फेयर हस्तशिल्प विकास में महत्ती भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि फेयर के इस संस्करण के साथ उन निर्यातकों को जो अपने घरों, अपनी उत्पादन इकाइयों में फंसे हुए हैं, उनको मेले के माध्यम से व्यापार करने का पर्याप्त अवसर मिलेगा और उनक खर्चों का समाधान होगा और भारतीय हस्तशिल्प को भी बढ़ावा मिलेगा।
इस अवसर पर विकास आयुक्त हस्तशिल्प शांतमनु ने कहा कि सभी खरीदारों और प्रदर्शकों का जिनमें कारीगर शामिल हैं, आईएचजीएफ दिल्ली मेले शरद ऋतु 2020 के वर्चूअल प्लैर्म पर स्वागत किया। ईपीसीएच के अध्यक्ष रवि पासी ने उस रिकवरी के बारे में बात की, जो चालू वित्त वर्ष में पहली दो तिमाहियों में भारी नकारात्मक वृद्धि दर्ज करने के बाद अकेले सितंबर महीने में हस्तशिल्प के निर्यात में देखी गई है, उन्होंने प्रदर्शकों के साथ-साथ विदेशी खरीदारों और उनके प्रतिनिधियों की ओर से इस फेयर में हिस्सा बनने के लिए दी गई प्रतिक्रिया के बारे में भी बात की।
पूर्व अध्यक्ष राज कुमार मल्होत्रा ने कहा कि फेयर के रूप में यह वर्चुअल संस्करण प्रदर्शकों और खरीदारों को एक नया मंच मिला है। ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने 1994 से आईएचजीएफ दिल्ली मेले की यात्रा को साझा किया क्योंकि यह शो एक छत के नीचे हस्तशिल्प निर्यातकों की सबसे बड़ी मंडली के रूप में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा प्रमाणित होने से पहचाने जाने लगा है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान महामारी के कारण, आईएचजीएफ के 50 वें संस्करण को भौतिक रूप में नहीं रखा जा सकता था, लेकिन पिछले वर्चुअल शो की तुलना में एक बार फिर से बड़ी संख्या में प्रदर्शकों के साथ-साथ खरीदारों के लिए अवसरों की वर्चुअल पेशकश की जा रही है। इस फेयर में कुल 1400 से ज्यादा एक्सपोर्टर्स ने भाग लिया है, जिसमें राजस्थान के 500 से ज्यादा एक्सपोर्टर्स शामिल है।
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