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इस बार एक दिन मनेगी श्री कृष्ण जन्माष्टमी————– स्मार्त परम्परा वाले एवं वैष्णव सम्प्रदाय 30 को मनाएंगे जन्माष्टमी पर्व
30अगस्त सोमवार को मनाई जायेगी जन्माष्टमी
सुमेरपुर 29 अगस्त 2021 – पंडित सुरेश गौड़ ने बताया कि इस बार एक ही दिन मनाई जायेगी श्री कृष्ण जन्माष्टमी l भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्णा अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि में हुआ था l इस बार 29 अगस्त रविवार को रात्रि में 11बजकर 25 मिनिट तक सप्तमी तिथि रहेगी एवं मध्य रात्रि में अष्टमी तिथि विद्यमान रहेगी । लेकिन रोहिणी नक्षत्र का प्रवेश 30 अगस्त को प्रात:6 बजकर 38 मिनिट होगा। इसलिए 30 अगस्त सोमवार को मध्यरात्रि में अष्टमी तिथि एवं रोहिणी नक्षत्र दोनों रहने से यह पर्व स्मार्त-वैष्णव सम्प्रदाय के लिए उत्तम रहेगा। कई बार अष्टमी तिथि व रोहिणी नक्षत्र का संयोग मध्यरात्रि में नहीं होने से दो दिन जन्माष्टमी मनाई जाती है ।
स्मार्त-वैष्णव का भेद स्मार्त- जो पञ्च देवो पासक, गृहस्थ व स्मृति ग्रन्थ बनाने वाले वे पहले दिन व्रत कर जन्माष्टमी पर्व मनाते है l जिनका पंचांगो में जन्माष्टमी व्रत स्मार्त लिखा होता है l तथा वैष्णव आगम पर आधारित परम्परा अनुसार दीक्षित संत व गृहस्थ जिन्होंने दीक्षा से गले में तुलसी माला व बाहों में चांदी से तप्त शंख -चक्र -गदा -पद्म धारण किया है, वे उदय व्यापिनि तिथि में व्रत करते है lवे अपनी सम्प्रदाय अनुसार उदय तिथि में जन्माष्टमी पर्व मनाते है l जिनका पंचांगो में जन्माष्टमी व्रत वैष्णव लिखा होता है l पंडित गौड़ ने बताया कि इस बार दोनों सम्प्रदाय के लिए 30 अगस्त सोमवार को जन्माष्टमी पर्व प्रशस्त रहेगा । इस दिन व्रत कर मध्य रात्रि में भगवान श्री कृष्ण के जन्म के बाद पंचामृत -पंजीरी का भोग लगाकर प्रसाद लेना चाहिए l इस बार कोरोना माहमारी के कारण कई शहरों के मंदिरों पर भक्तों के दर्शन पर रोक रहेगी लेकिन प्रबंधको व पुजारियों द्वारा भव्य श्रृंगार व सजावट के साथ भोग आरती के कार्यक्रम आयोजित कर जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा l