एक मोहल्ले से उठीं 5 अर्थियां: दो मासूम परिवार के इकलौते थे; एक के पिता की पहले हो चुकी मौत, चार बहनों का इकलौता भाई था सुमित
जिले के मंगलवाड़ क्षेत्र में तालाब में नहाने गए पांच बच्चों की डूबने से मौत गई थी। इस हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया। सभी मृतक एक ही मोहल्ले के रहने वाले थे। इनमें से तीन बच्चों के परिवार तो आपस में रिश्तेदार ही थे। चंद्रशेखर और प्रिंस के पिता दोनों सगे भाई है और सुमित दोनों का रिश्तेदार था। सुमित की उम्र कम है, लेकिन वो चंद्रशेखर और प्रिंस का काका लगता था। वहीं गंगरार निवासी हरीश अपने मामा भवानीशंकर और कैलाश के घर आया हुआ था, जो बाकी बच्चों के पड़ोसी है। हरीश राखी पर अपने मामा के घर आया हुआ था।
चार बहनों का इकलौता भाई था सुमित
किसी परिवार का इकलौता चिराग अगर बुझ जाए तो उस परिवार के लिए यह पीड़ा असहनीय हो जाती है। ऐसा ही कुछ हुआ है भेरूलाल ढोली के परिवार के साथ। भेरूलाल की 5 बेटियों के अलावा एक बेटा सुमित था। यानी पांच बहनों का इकलौता भाई। एक साल पहले ही भैरूलाल की मौत हो गई थी। सुमित की मां खेतों में मजदूरी करती है। बड़ी बहन 22 वर्षीय पूनम का तलाक हो चुका है। वो अभी मायके में ही रहती है और REET की तैयारी कर रही है। दूसरी बहन पायल उम्र 21 साल अपने ससुराल में रहती है। तीसरी बहन सपना उम्र 18 साल अपनी मां के साथ काम में हाथ बंटाती है। वहीं, सबसे छोटी बहन अंजली उम्र 15 साल एक हाथ और एक पांव से विकलांग है। कुछ दिन पहले ही बहनों ने सुमित की कलाई पर राखी बांधी थी। सुमित सिर्फ 8 साल का था और आज उसका शव घर आया। यह देखकर किसी के भी आंसू थम नहीं रहे। मृतक भावेश 5 भाई थे और सबसे छोटा भी, चंद्रशेखर 2 भाई बहन थे, उसकी बहन छोटी है। वहीं, प्रिंस के दो छोटे भाई-बहन है। सूरज की एक बड़ी बहन है।
दो दिन पहले ही मना किया था तालाब में जाने के लिए
सभी बच्चों के माता-पिता खेती करते हैं। सभी गरीब परिवार से हैं। जब यह हादसा हुआ तब माता-पिता खेत में थे। हरीश इंदौरा, गंगरार का रहने वाला है। उसके माता-पिता भी आ गए।
परिजनों ने बताया कि यह बच्चे रोज तालाब में जाकर नहाते हैं, लेकिन दो दिन पहले बड़े बुजुर्गों ने उनको डराया था कि नया पानी आया है तो उसमें नहाना नहीं चाहिए, इसलिए बच्चे शनिवार को कहीं भी नहीं गए, लेकिन रविवार को फिर से वहीं नहाने चले गए। अभी स्कूल भी नहीं चल रहे हैं, इसलिए सभी बच्चे एक साथ ही तालाब में नहाने जाते हैं।
पहले हर 3 साल में होती थी इस तालाब में मौत
बुजुर्गों का मानना है कि बारिश के बाद पानी भरता है तो तालाबों में नहीं जाना चाहिए। ये पानी अपनी ओर खींचता है। इसके अलावा इस तालाब में पहले हर तीन साल में किसी ना किसी की मौत होती थी। गत पांच सालों से कोई भी मौत नहीं हुई, लेकिन गांव वालों के मन में डर व्याप्त होने के कारण बच्चों को रोका गया था।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जताया शोक
इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शोक जताते हुए ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि तालाब में डूबने से 5 बच्चों की मौत हृदयविदारक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने परिजनों के लिए प्रार्थना की है।